जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल, 2025) को हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सॉरी अरब दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटना पड़ा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ख़ुद घटनास्थल पर पहुँचे। इसके बाद भारत ने CCS (कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी) की बैठक के बाद न केवल सिंधु जल समझौता को निलंबित कर दिया, बल्कि पाकिस्तानियों का वीजा भी रद्द कर दिया। साथ ही पाकिस्तान के रक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को दूतावास छोड़ने का आदेश दिया गया। अटारी-वाघा सीमा को भी बंद कर दिया गया है।
अब भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवा निलंबित किए जाने के संबंध में नया बयान जारी किया है। इसमें बताया गया है कि ये फ़ैसला ‘लॉन्ग टर्म वीजा’ पर आए लोगों पर लागू नहीं होता है। ये वो वीजा (LTV) हैं, जिन्हें उन पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को दिया गया है जो प्रताड़ना के कारण भारत में आकर लंबे समय से रह रहे हैं। उन्हें देश नहीं छोड़ना होगा। बता दें कि पड़ोसी इस्लामी मुल्क़ों से प्रताड़ित हिन्दुओं के लिए CAA (नागरिकता संशोधन क़ानून) के तहत भारत की नागरिकता दिए जाने की भी व्यवस्था है। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर साफ़ किया कि पाकिस्तानी हिन्दुओं का वीजा रद्द नहीं होगा।
उधर जल शक्ति मंत्रालय के सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है कि हम सिंधु जल समझौते को निलंबित करते हैं। पत्र में कहा गया है कि पहले से अभी के समय में बहुत बुनियादी बदलाव आ गए हैं, जिनमें डेमोग्राफी परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और जल बँटवारे को लेकर पहले जो सोच थी उसमें अब परिवर्तन आया है। पत्र में स्पष्ट लिख दिया गया है कि किसी भी संधि को निभाने के लिए भरोसे और ईमानदारी की ज़रूरत होती है, लेकिन हाल के वर्षों में जिस तरह से पाकिस्तान ने सीमापार आतंकवाद को पोषित किया है, खासकर के जम्मू कश्मीर को निशाना बनाकर – उससे ये भरोसा टूटा है।
Debashree Mukherjee, Secretary, Ministry of Jal Shakti writes to Secretary, Pakistan Ministry of Water Resources.
— ANI (@ANI) April 24, 2025
Letter reads, " The Govt of India has hereby decided that the Indus Waters Treaty 1960 will be held in abeyance with immediate effect" pic.twitter.com/t8GLAsBDgd
पत्र में आगे लिखा गया है, “सुरक्षा को लेकर बनी अनिश्चितता की वजह से भारत अपने अधिकारों का पूरा उपयोग नहीं कर पा रहा है, जो इस संधि के तहत उसे मिले थे। ऊपर से, जब भारत ने आपसे बातचीत का प्रस्ताव भी रखा, तो पाकिस्तान की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया। इन्हीं सब वजहों से भारत सरकार ने अब तय किया है कि Indus Water Treaty को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा रहा है।”