भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 3 जुलाई 2025 को घाना की संसद में को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने घाना की गर्म जोशी से किए गए स्वागत, लोकतांत्रिक दृढ़ता के साथ वैश्विक नेतृत्व और साझेदारी की बात कही।
PM मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे घाना की धरती पर आकर गर्व महसूस हो रहा है। घाना लोकतांत्रिक, प्रतिष्ठा और दृढ़ता से भरा देश है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर मैं 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से आपका अभिनंदन करता हूँ। लोकतंत्र पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र हमारे लिए केवल एक व्यवस्था नहीं, बल्कि हमारे संस्कारों का हिस्सा है।
#WATCH | Addressing the Parliament of the Republic of Ghana, PM Narendra Modi says, "India is the mother of democracy. For us, democracy is not merely a system; it is a part of our fundamental values…India has over 2,500 political parties, 20 different parties governing… pic.twitter.com/9jCGlQUnfI
— ANI (@ANI) July 3, 2025
उन्होंने कहा कि घाना की धरती सोने के लिए जानी जाती है। घाना की यह पहचान इसके लिए नहीं है कि उसकी धरती के अंदर क्या है, बल्कि यहाँ के लोगो के दिल के अंदर जो गर्मजोशी है इसके लिए जाना जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि इससे पहले मुझे हमारे दूरदर्शी राजनेता और घाना के प्रिय पुत्र डॉ क्वामे नक्रमाह को श्रद्धांजलि देने का सम्मान मिला। उन्होंने एक बार कहा था कि जो ताकतें हमें एकजुट करती हैं, वे उन अधूरे प्रभावों से अधिक हैं जो हमें अलग रखने की कोशिश करते हैं। उनके ये शब्द हम दोनों देशों की साझा यात्रा का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
इसके अलावा पीएम मोदी को मिले सम्मान पर वह बोले कि बुधवार (2 जुलाई 2025) मेरे लिए बहुत मार्मिक था जब मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति जॉन महामा से मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। इसे प्राप्त करना मेरे लिए सम्मान की बात है।
ऋग्वेद के श्लोक का किया उल्लेख
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान ऋग्वेद के श्लोक के जरिए लोकतंत्र की गहराई और प्राचीनता पर बात कही। उन्होंने कहा, “ऋग्वेद में कहा गया है – ‘संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्’ — यानी हम साथ चलें, साथ बोलें, और हमारे मन एक जैसे हों।”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के विश्व की सबसे पुराने वेदों में एक ऋग्वेद में लिखा गया है कि अच्छे विचारों को अपने पास आने दीजिए। ऋग्वेद के यह विचार ही लोकतंत्र का मुख्य बिंदु है।
प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत में 2500 सभी अधिक राजनीतिक पार्टियाँ हैं, 20 अलग-अलग पार्टियाँ अलग अलग राज्यों पर शासन कर रही हैं। यहाँ 22 आधिकारिक भाषाएँ हैं और 1000 से भी अधिक बोलियाँ एक साथ रहती हैं।
यही कारण है कि भारत में लोग आना पसंद करते हैं और भारतीय उनका दिल से स्वागत करते हैं। इसी वजह से भी भारतीयों के लिए भी दुनिया के किसी भी देश में जाना आसान है। यहाँ तक की घाना में भी भारतीय समाज ऐसे घुल गया है जैसे चाय में चीनी।
अनानास से मीठी दोस्ती
अपने भाषण में पीएम मोदी ने घाना से दोस्ती पर कहा, “हमारी मित्रता घाना के मशहूर शुगर लोफ अनानास से भी ज्यादा मीठी है।” इस पर सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा। पीएम मोदी ने आगे कहा भारत और घाना साझा मूल्यों, सम्मान, और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने कहा कि यह कितना सुखद सहयोग है कि भारत के कई गौरव परीक्षणों में अफ्रीका जुड़ा हुआ है। जब भारत ने चंद्रयान के जरिए चाँद के दक्षिणी छोर पर कदम रखा तब भी मैं अफ्रीका में था और आज जब एक भारतीय अंतरिक्षयात्री मानवता के उज्जवल भविष्य के लिए स्पेस स्टेशन में प्रयोग कर रहा है तब भी मैं अफ्रीका की धरती पर हूँ। यह कोई सामान्य संयोग नहीं है बल्कि हमारी साझेदारी में बेहतरी की ओर इशारा है।
It was wonderful to interact with Ghana’s Members of Parliament after my address earlier today. It was gladdening to hear their kind words about India. pic.twitter.com/To7vtDZGmH
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2025
वैश्विक उतार चढ़ाव में भारत के विकास की बात
वैश्विक स्तर पर चल रही व्यापारिक उतार चढ़ाव पर कहा कि आज ग्लोबल उठापटक हर किसी के लिए चिंता का कारण है। ऐसे में भारत, लोकतंत्र के लिए आशा की किरण बना हुआ है। इसी तरह भारत की विकास यात्रा ग्लोबल ग्रोथ को गति देने वाली है। विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र एक ऐसा स्तंभ है जो जितना मजबूत होगा, दुनिया को उतना ही सशक्त बनाएगा और वैश्विक स्थिरता को बढ़ाने में योगदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम पहले से ही वैश्विक विकास में लगभग 16% योगदान दे रहे हैं। हमारा जनसांख्यिकीय लाभांश फलदायी साबित हो रहा है। भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। भारत एक नवाचार और प्रौद्योगिकी केंद्र है, जहाँ वैश्विक कंपनियाँ जुड़ना चाहती हैं। हमें दुनिया की फार्मेसी के रूप में जाना जाता है। आज, भारतीय महिलाएँ विज्ञान, अंतरिक्ष, विमानन और खेल में आगे हैं।
PM मोदी ने कहा कि जब हम घाना को देखते हैं, तो हम एक ऐसे राष्ट्र को देखते हैं जो साहस के साथ खड़ा है। ये एक ऐसा राष्ट्र है जो हर चुनौती का सामना गरिमा और दृढ़ता के साथ करता है। इस देश की समावेशी प्रगति की प्रतिबद्धता ने घाना को पूरे अफ्रीकी महाद्वीप के लिए प्रेरणा का केंद्र बना दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलती परिस्थितियों के कारण वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता है। प्रौद्योगिकी में क्रांति, ग्लोबल साउथ के उभरने और जनसांख्यिकी में बदलाव घाना को आगे बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी विश्व व्यवस्था अब तेजी से बदल रही है। भारत और घाना ने भी अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने का फैसला किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि बदल रही परिस्थितियाँ आज वैश्विक शासन के लिए विश्वसनीय और प्रभावशाली सुधारों की राह देख रही है। हमें साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। यही कारण है कि भारत ने G-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य बनवाया, ताकि अफ्रीका की आवाज दुनिया में स्पष्ट तौर पर सुनी जा सके।
पर्यावरण और महिलाओं की रखी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की संसद में अपने भाषण के दौरान जलवायु परिवर्तन और वैश्विक स्थिरता को लेकर भारत की प्रतिबद्धता पर बात की। उन्होंने कहा कि हमने जलवायु परिवर्तन से निपटने और जीवन को बढ़ावा देने के लिए मिशन लाइफ की शुरुआत की है। यह समावेशी भावना बेहतर पृथ्वी के लिए के लिए ‘वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड और वन वर्ल्ड, वन हेल्थ’ जैसी हमारी वैश्विक पहलों को शक्ति प्रदान करती है।
इसके बाद पीए मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की बात की। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस द्वारा शुरू की गई यह पहल सौर ऊर्जा के उपयोग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देती है। साथ ही अतर्राष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन शेर, बाघ, तेंदुआ जैसे वन्यजीवों की रक्षा के लिए काम करता है। इसके अलावा वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस) का लक्ष्य स्वच्छ जैव ईंधन को बढ़ावा देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है।
अपनी बात में पीएम मोदी ने संस्कृत के श्लोक ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।’ शामिल करते हुए कहा कि हम इस बात में विश्वास रखते हैं कि सभी खुश रहें। सभी बीमारी से दूर रहें। किसी को कोई दुख न हो। ये सोच भारत की वैश्विक कल्याण की सोच दिखाती है। इसी के तहत कोविड महामारी के दौरान भारत ने 150+ देशों को वैक्सीन दी, जिनमें घाना भी शामिल था। भारत के लिए यह पहले मानवता की नीति थी,पहले व्यापार की नहीं।
घाना की संसद में पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया।