Friday, March 28, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'इसमें कीटनाशक, जो सेवन कर रहे वो डॉक्टर के पास जाएँ': सिंगापुर ने Everest...

‘इसमें कीटनाशक, जो सेवन कर रहे वो डॉक्टर के पास जाएँ’: सिंगापुर ने Everest के फिश करी मसाला को बाजार से हटाने का दिया आदेश, कहा – ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

'सिंगापुर फ़ूड एजेंसी' ने अपने बयान में लिखा है कि इस मसाले को भारत से आयात करने वाली कंपनी 'Sp Muthiah & Sons Pte. Ltd' को आदेश दिया गया है कि वो इस उत्पाद को वापस ले।

सिंगापुर ने भारतीय खाद्य कंपनी Everest के फिश करी मसाला को अपने बाजार से वापस मँगा लिया है। इसे भारत से आयात किया जाता है। हालाँकि, अब सिंगापुर का कहना है कि इसमें कीटनाशक होने के कारण ये स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। बकौल सिंगापुर प्रशासन, एवरेस्ट के मछली मसाला में ईथीलीन ऑक्साइड (C₂H₄O) की मात्रा बहुत अधिक है, जो कि एक कीटनाशक है और खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

असल में हॉन्गकॉन्ग स्थित ‘सेंटर फॉर फ़ूड सेफ्टी’ ने एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है। इसमें बताया गया है कि इस केमिकल की जितनी मात्रा डालने की अनुमति है, उससे कहीं अधिक मात्रा एवरेस्ट ने इस्तेमाल में लाया है। ‘सिंगापुर फ़ूड एजेंसी’ ने अपने बयान में लिखा है कि इस मसाले को भारत से आयात करने वाली कंपनी ‘Sp Muthiah & Sons Pte. Ltd’ को आदेश दिया गया है कि वो इस उत्पाद को वापस ले।

SFA ने कहा गया है कि उक्त केमिकल ईथीलीन ऑक्साइड का इस्तेमाल कृषि उत्पादों को कीट से बचाने के लिए किया जाता है, साथ ही माइक्रोबियल प्रसार रोकने के लिए भी इसको उपयोग में लाया जाता है। कहा गया है कि इसे निम्न मात्रा में लेने पर स्वास्थ्य पर अचानक से तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन लगातार इसके संपर्क में रहने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं। सलाह दी गई है कि इस पदार्थ के जितना कम संपर्क में आएँ उतना बेहतर है।

साथ ही ‘सिंगापुर फ़ूड एजेंसी’ ने Everest के फिश करी मसाले खरीद चुके उपभोक्ताओं को सलाह दी है कि वो इसका इस्तेमाल न करें। साथ ही जो लोग इसका इस्तेमाल कर रहे थे, उन्हें सलाह दी गई है कि वो चिकित्सकीय सलाह लें। उपभोक्ताओं को अधिक जानकारी के लिए वहाँ संपर्क करने की सलाह दी गई है, जहाँ से उन्होंने खरीदा है। गुरुवार (18 अप्रैल, 2024) को ये आदेश जारी किया गया। ये मसाले सामान्यतः 50 ग्राम के पैकेट में आता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जज को हटाने के लिए संविधान में महाभियोग का प्रावधान, जानिए क्या है इसकी प्रक्रिया: कौन थे जस्टिस रामास्वामी जिन पर सबसे पहले चला...

संविधान में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को हटाने के बारे में बताया गया है। इसमें महाभियोग के लिए क्या प्रक्रिया है, इसका उल्लेख है।

अब प्रकाश को छू भी सकते हैं… क्या है ‘सुपर सॉलिड लाइट’, इससे कितना बदलेगा हमारा जीवन: सरल शब्दों में समझिए विज्ञान

न्यूटन और हाइजेंस के जमाने से ही यह बहस चल रही है कि प्रकाश असल में है क्या? कोई कण या तरंग? इटली के वैज्ञानिकों ने इसे एक नया आयाम दिया है।
- विज्ञापन -