Saturday, July 27, 2024
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राजदीप कितना बड़ा ‘झूठा’: राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने इंडिया टुडे को पत्र लिख बताया, कहा- भूल माफ करने योग्य नहीं

“खेद की बात यह है कि आपके ग्रुप के पत्रकार तथ्यों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की जहमत नहीं उठाते हैं। जैसे कि इस खबर के लिए वह नेताजी के परिवार के सदस्यों या फिर खुद एक्टर से पुष्टि कर सकते थे।”

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह ने मीडिया चैनल ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में राजदीप सरदेसाई का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि संस्थान से जुड़े कुछ पत्रकार गलत फैक्ट्स सामने रखते हैं। झूठा साबित होने पर बिना माफी मॉंगे उसे डिलीट कर देते हैं और ऐसा बार-बार किया जाता है।

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह की ओर से राष्ट्रपति भवन में लिखे गए पत्र में कहा गया कि इंडिया टुडे समूह से जुड़े कुछ पत्रकारों द्वारा विवाद में राष्ट्रपति भवन को घसीटने के पीछे की मंशा स्पष्ट नहीं है।

इंडिया टुडे को लिखा गया पत्र

पत्र में 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राजदीप सरदेसाई द्वारा फैलाए गए झूठ का जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर उनका पोट्रेट का अनावरण किया था। जिसके बाद सरदेसाई समेत कई पत्रकारों ने दावा किया कि वह सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर नहीं है। उनके अनुसार ये पोट्रेट प्रसनजीत चटर्जी (Prosenjit Chatterjee) की है, जिन्होंने बोस पर बनी फिल्म में उनका किरदार अदा किया था।

इंडिया टुडे को लिखे गए पत्र में कहा गया है, “खेद की बात यह है कि आपके ग्रुप के पत्रकार तथ्यों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की जहमत नहीं उठाते हैं। जैसे कि इस खबर के लिए वह नेताजी के परिवार के सदस्यों (उदाहरण के लिए सीके बोस से, जिन्होंने ट्विटर पर स्पष्ट किया था कि तस्वीर नेताजी की ही है) या फिर खुद एक्टर से पुष्टि कर सकते थे, जिन्होंने भी ट्विटर पर यही बात लिखी थी। उन्होंने फैक्ट चेक करने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं की और राजनीतिक लाभ लेने के लिए राष्ट्रपति के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने लगे।”

पत्र में आगे कहा गया है कि उन्होंने ऐसा करके न सिर्फ अपनी पत्रकारिता की नीति को अपमानित किया है, बल्कि राष्ट्रपति भवन की गरिमा को भी धूमिल किया है। इस तरह की भूल माफ करने के लायक नहीं है, क्योंकि चीजें पहले से ही स्पष्ट है। ये पत्रकार बाद में अपना ट्वीट डिलीट कर देते हैं, बिना अपना ब्लंडर स्वीकार किए, बिना माफी माँगे। पत्रकारों ने केवल अपना ट्वीट डिलीट किया है, माफी नहीं माँगी है। प्रेस सचिव ने इस आचरण को अक्षम्य बताते हुए कहा कि वो इंडिया टुडे ग्रुप के साथ जुड़ाव की समीक्षा करने के लिए मजबूर हैं।

राजदीप ने अब इस ट्वीट को डिलीट कर दिया है

यह चिट्ठी 27 जनवरी 2021 को लिखी गई है और 28 जनवरी को खबर आई थी कि इंडिया टुडे प्रबंधन द्वारा 2 हफ्तों के लिए ऑफ एयर किए जाने के बाद राजदीप सरदेसाई ने चैनल छोड़ने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अप्रमाणित सूचना साझा करने वाले राजदीप ने अपने ऊपर कार्रवाई के बाद संस्थान को इस्तीफा सौंप दिया है। राजदीप पर संस्थान ने कार्रवाई 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई एक मौत को लेकर झूठा दावा करने को लेकर की थी।

गौरतलब है कि नेताजी वाले मामले में राजदीप सरदेसाई ने फेक न्यूज फैलाने के बाद चुपके से ट्वीट डिलीट कर दिया था और माफी माँगने की जगह राष्ट्रपति भवन पर ही आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि सरकार इस बात पर ‘जोर’ देती है कि नेताजी का यह मूलचित्र है, न कि फिल्म से लिया गया है। इससे समझ में आता है कि वह अभी भी मानते हैं कि चित्र प्रसनजीत का था, नेताजी का नहीं।

कुछ समय बाद, उन्होंने फिर से नेताजी की तस्वीर को ट्वीट किया, जिसके आधार पर कलाकार परेश मैती ने पोट्रेट बनाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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