Saturday, April 27, 2024
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मुजफ्फरनगर दंगों के लिए कभी टिकैत के पीछे पड़े रवीश कुमार को अब उनमें नजर आया हिंदू-मुस्लिम एकता का ‘मसीहा’: देखें वीडियो

''2014 के बाद से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव खराब हो गया है। राकेश टिकैत जैसे नेता और अन्य किसान नेता किसान विरोध के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम एकता बना रहे हैं। प्रधानमंत्री को उनसे मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए अपना समय देना चाहिए।''

मैग्सेसे पुरस्कार विजेता पत्रकार रवीश कुमार ने एक बार फिर अपनी पत्रकारिता का गिरगिटिया रंग दिखाया है। 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के लिए राकेश टिकैत की आलोचना करने वाले रवीश कुमार ने एनडीटीवी इंडिया पर अपने प्राइम टाइम शो के दौरान इस बार हिंदू-मुस्लिम एकता बनाने के लिए बीकेयू नेता की प्रशंसा की है। उन्होंने राकेश टिकैत की हिंदुओं और मुसलमानों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए सराहना की। उन्होंने यहाँ भी वही राग अलापा कि 2014 के बाद से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं।

रवीश ने हिंदू-मुस्लिम एकता बनाने के लिए इस बार राकेश टिकैत की सराहना की

कुमार ने अपने शो में कहा, “प्रधानमंत्री राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं से उनकी शिकायतें सुनने के इच्छुक नहीं हैं, जबकि वह व्यक्तिगत रूप से एथलीटों को बुलाते हैं और उन्हें बधाई देते हैं।” रवीश ने आगे कहा कि शायद अपना समय बर्बाद करने की बजाए उन्हें अपना ध्यान कबड्डी, कुश्ती और अन्य खेलों में लगाना चाहिए।” रवीश कुमार ने कहा, ”2014 के बाद से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक सद्भाव खराब हो गया है। राकेश टिकैत जैसे नेता और अन्य किसान नेता किसान विरोध के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम एकता बना रहे हैं। प्रधानमंत्री को उनसे मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए अपना समय देना चाहिए।”

राकेश टिकैत के कारण मुजफ्फरनगर में हुए दंगे: रवीश कुमार 2013 में

आपको याद दिला दें ये वही रवीश कुमार हैं, जिन्होंने साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों के लिए राकेश टिकैत को जिम्मेदार ठहराया था। कुमार ने टिकैत के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया था और उन पर अपने भड़काऊ भाषणों से सांप्रदायिक दंगे फैलाने का गंभीर आरोप लगाया था। सितंबर 2013 में, कुमार ने टिकैत और भाजपा पर उत्तर प्रदेश में तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार को अस्थिर करने के लिए हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़काने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा था, ”उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिससे इस क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया है। बैठक में जो चर्चा हुई, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन पुलिस ने कहा कि उन्होंने 4 भाजपा नेताओं, दो बीकेयू नेताओं राकेश टिकैत और नरेंद्र टिकैत पर एक कॉन्ग्रेस नेता के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।” 2013 के कुमार ने अपने शो में संकेत दिया था कि उन्होंने राकेश टिकैत को उन व्यक्तियों में से माना है, जो मुजफ्फरनगर की बैठक के बाद हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों के बीज बोने के लिए जिम्मेदार थे।

अब वर्षों बाद, रवीश कुमार को राकेश टिकैत में हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने वाला नेता नजर आने लगा। वे उन्हें धर्मनिरपेक्ष नेता बताने से नहीं थक रहे हैं। या तो 2013 का टिकैत को लेकर उनका अनुमान पूरी तरह से गलत था, जब उन्होंने उन पर विभिन्न समुदायों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया था। या अब हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतिमान के रूप में टिकैत का उनका वर्तमान मूल्यांकन गलत है।

गौरतलब है कि ऊपरी तौर पर, रवीश कुमार के हृदय में अचानक आया परिवर्तन समझ से परे और हैरान करने वाला है। हालाँकि, उनका यह बदलाव वामपंथी झुकाव वाले लिबरल पत्रकारों द्वारा नियोजित एजेंडा लगता है, जो केंद्र सरकार को बदनाम करने और उनके खिलाफ लोगों में आक्रोश पैदा करने के लिए हर हथकंडे इस्तेमाल करते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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