Friday, March 29, 2024
Homeरिपोर्टमीडियाइस्लामी कट्टरपंथी काटते रहे और हिंदू आत्मरक्षा भी न करें... आखिर ये किस तरह...

इस्लामी कट्टरपंथी काटते रहे और हिंदू आत्मरक्षा भी न करें… आखिर ये किस तरह की ‘शांति’ चाहता है TOI

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस्लामवादियों द्वारा मौत की धमकी मिलने वालों का समर्थन करने वाला कोई भी हिंदू संगठन 'तनाव बढ़ा सकता है'। उसके अनुसार, जिहादियों के सामने हिंदू असहाय हो जाएँ, ताकि समुदायों के बीच शांति बनी रह सके।

भारत आज उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। इस्लामवादियों के हौसले लगातार बढ़ रहे हैं और जो उनकी मर्जी के मुताबिक बोल-सुन नहीं रहा है, उसे वे धमकियाँ दे रहे हैं। पिछले एक महीने से नूपुर शर्मा को मौत और रेप की धमकियों के बाद इस्लामवादियों ने उन्हें समर्थन करने वालों का सिर कलम करना और धमकाना शुरू कर दिया है। कन्हैया लाल का सिर काटने की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया, क्योंकि दो इस्लामवादियों ने न केवल न केवल घटना को अंजाम दिया, बल्कि इसका वीडियो भी जारी किया।

कन्हैया लाल की घटना के तुरंत बाद पता चला कि कुछ दिन पहले हुई उमेश कोल्हे की हत्या भी नूपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण की गई थी। तब से कई लोगों को नूपुर शर्मा और कन्हैया लाल के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट के लिए सिर काटने की धमकी मिली है। इससे पहले यह बात भी सामने आई है कि नूपुर शर्मा को समर्थन देने के कारण जान से मारने की लगातार धमकी मिलने के कारण एक व्यक्ति नागपुर भाग गया था।

सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने तो यहाँ तक कह दिया कि कन्हैया लाल की हत्या के लिए नूपुर शर्मा जिम्मेदार हैं और उन्होंने शर्मा की ‘ढीली जीभ’ को दोषी ठहराते हुए टीवी पर पूरे देश से माफी माँगने की बात कह दी। सीधे शब्दों में कहें तो सुप्रीम कोर्ट ने इस्लामवादियों की इन हत्याओं के लिए नूपुर शर्मा द्वारा एक टीवी डिबेट में दिए गए बयान को जिम्मेदार ठहराया।

इस तरह हिंदुओं को मिलने वाली धमकी के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल सामने आए और कहा कि अगर किसी भी हिंदू को इस तरह की मौत की धमकी मिलती है तो उन्हें डरना नहीं चाहिए और तुरंत पुलिस से संपर्क करना चाहिए। इन दलों ने आगे कहा कि हिंदुओं को भी सहायता के लिए अपनी स्थानीय बजरंग दल इकाइयों से संपर्क करना चाहिए।

विहिप ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के बयानों की निंदा की और कहा कि उनकी टिप्पणियों में (जो लिखित आदेश में नहीं आया) न्यायाधीशों ने कट्टरपंथी इस्लाम के खतरे को नजरअंदाज कर दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने व्यंग्य करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने हम सभी को बताया था कि 1400 साल के इस्लामी हमले नूपुर शर्मा की गलती थी।

हालाँकि, हमें यह भी याद रखना होगा कि कई मामलों में पुलिस संज्ञान लेने से ही इनकार कर देती है, जैसे कि कन्हैया लाल के मामले में हुआ। जब कन्हैया लाल को जान से मारने की धमकी मिल रही थी, तब राजस्थान पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था और उन्हें इस्लामवादियों से ‘समझौता’ करा दिया था। हालाँकि, कुछ दिन बाद उन्हीं लोगों ने समझौता तोड़ते हुए कन्हैया लाल का सिर कलम कर दिया।

ऐसी स्थिति में, जब प्रशासन एक हिंदू को बचाने में विफल रहता है तो समुदाय के नेताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाता है कि दबाव बनाया जाए। दूसरा परिदृश्य शायद तब हो सकता है जब किसी के घर के बाहर भीड़ हो और पुलिस प्रशासन की संख्या बहुत कम हो। ये ऐसी वास्तविकताएँ हैं और इसके बहुत से उदाहरण हैं।

हालाँकि टाइम्स ऑफ इंडिया खुश नहीं था। अपने प्रिंट संस्करण में उसने इस समाचार को एक वाक्य के साथ प्रस्तुत किया, जो इस बात की ओर इंगित करता है कि वे चाहते हैं कि हिंदू बिना किसी लड़ाई के बस हार मान लें और केवल ‘शांति’ बनाए रखने के लिए इस्लामवादियों द्वारा मारे जाएँ।

7 जुलाई 2022 के दिल्ली संस्करण के पहले पृष्ठ पर टाइम्स ऑफ इंडिया ने कहा है कि वीएचपी द्वारा बजरंग दल को नूपुर शर्मा के समर्थन के कारण मौत की धमकी मिलने वालों की रक्षा करने के लिए कहने का निर्णय ‘तनाव को बढ़ा सकता है’।

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इस्लामवादियों द्वारा मौत की धमकी मिलने वालों का समर्थन करने वाला कोई भी हिंदू संगठन ‘तनाव बढ़ा सकता है’। उसके अनुसार, जिहादियों के सामने हिंदू असहाय हो जाएँ, ताकि समुदायों के बीच शांति बनी रह सके।

अगर उसे लगता है कि विहिप और बजरंग दल द्वारा मौत की धमकी देने वालों की रक्षा करने से तनाव बढ़ सकता है तो उसे यह भी कह देना चाहिए कि हिंदुओं को कोई सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें धमकी देने वालों की दया पर छोड़ दिया जाना चाहिए, ताकि ‘तनाव’ न हो।

ये ‘तनाव’ क्या है, जिसके बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया बात कर रहा है? सच्चाई यह है कि अगर हिंदू संगठन धमकियों को पाने वालों की रक्षा करना शुरू कर देंगे तो इस्लामवादी हिंसक हो जाएँगे? या इस्लामवादी सड़कों पर और अधिक हिंसा फैला सकते हैं, यदि उन्हें रोका गया तो? TOI के पृष्ठ 16 पर प्रकाशित इस बारे में वास्तविक लेख में ‘तनाव के बढ़ने’ का कोई उल्लेख नहीं है, जबकि पेज 1 पर वह चिंतित इसी को लेकर वह चिंतित दिखाई दे रहा है।

रिपोर्ट की डिजिटल कॉपी में भी ‘बढ़ते तनाव’ का कोई उल्लेख नहीं है। हालाँकि, अपने प्रिंट संस्करण के पहले पृष्ठ पर वे उस सहज पंक्ति का उल्लेख करते हैं, जो बताती है कि वे क्या सोचते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुख़्तार अंसारी की मौत: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया था माफिया, पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

माफिया मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल में आया हार्ट अटैक। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था।

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe