Friday, November 14, 2025
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा'ऑपरेशन सिंदूर' में 100+ फौजियों की मौत, 12 एयरक्राफ्ट तबाह और आतंकी ठिकानों पर...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में 100+ फौजियों की मौत, 12 एयरक्राफ्ट तबाह और आतंकी ठिकानों पर बमबारी: DGMO राजीव घई बोले- 88 घंटों में युद्धविराम की गुहार लगाने लगा था पाकिस्तान

'ऑपरेशन सिंदूर' पर डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने यूएनटीसीसी में खुलासा किया है कि पाकिस्तान ने सिर्फ 88 घंटों में संघर्ष विराम की गुहार लगाई थी और उसके हताहत फौजियों की संख्या 100 से ज़्यादा थी। इस दौरान पाकिस्तान के 12 एयरक्राफ्ट तबाह किए गए।

भारत के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस यानी डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मंगलवार (14 अक्टूबर 2025) को खुलासा किया कि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने के मात्र 88 घंटों के भीतर ही युद्धविराम की गुहार लगाई थी। पाकिस्तान के 100 से ज्यादा फौजी इस दौरान मारे गए। ये जानकारी उन्होंने मरणोपरांत दिये गए पाकिस्तानी पुरस्कारों की सूची का हवाला देते हुए कही।

डीजीएमओ घई ने कहा, “संभवतः उन्होंने 14 अगस्त को अपने पुरस्कारों की सूची जारी की। उनके द्वारा मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की संख्या से असली तस्वीर सामने आई, नियंत्रण रेखा पर उनके हताहतों की संख्या 100 से ज़्यादा थी।”

पाकिस्तान ने मई महीने में 12 से ज्यादा एयरक्राफ्ट खो दिए। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी थी।

संयुक्त राष्ट्र में सैन्य योगदान देने वाले देशों (यूएनटीसीसी) के प्रमुखों के सम्मेलन में उन्होंने ये खुलासे किए। डीजीएमओ ने कहा कि भारत का इरादा आतंकियों पर कार्रवाई के बाद मामले को आगे बढ़ाना नहीं था, जब तक कि ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाता।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि पाकिस्तान के जल्दबाजी में किए गए आत्मसमर्पण ने भारत के राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों को पुष्ट किया। उन्होंने चेतावनी दी, “आगे का संघर्ष उनके लिए विनाशकारी होता।” उन्होंने बताया कि कैसे भारत की सोची-समझी प्रतिक्रिया ने इस्लामाबाद के पास कोई रणनीतिक विकल्प नहीं छोड़ा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान रणनीतिक परिवर्तन

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सैद्धांतिक बदलाव आया कि आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों में कोई अंतर नहीं है। इससे रणनीतिक बदलाव देखा गया। डीजीएमओ ने ज़ोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य हमला था, बल्कि भारत के आतंकवाद-रोधी सिद्धांत में एक रणनीतिक परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता था, जिसे खुद प्रधानमंत्री मोदी ने बताया था।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा, “आतंकवाद के विरुद्ध हमारी रणनीति में सैद्धांतिक बदलाव आया है। हमारे प्रधानमंत्री ने इस बारे में बात की है। उन्होंने तीन बातें स्पष्ट रूप से कही हैं। पहला, आतंकवादी हमला युद्ध जैसा ही हैं। दूसरा, भारत निर्णायक जवाबी कार्रवाई करेगा और तीसरा, हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे। आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों में कोई अंतर नहीं है।”

यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करके 26 पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। उन्हें धर्म पूछ- पूछकर मारा गया था। हालाँकि शुरुआत में एक आतंकी संगठन ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी। लेकिन उन्हें जल्द ही एहसास हो गया कि स्थिति उनके नियंत्रण से बाहर हो गई है और वे तुरंत पीछे हट गए।

डीजीएमओ ने कहा कि हालाँकि भारत की प्रतिक्रिया अपेक्षित थी, लेकिन यह सोची-समझी कार्रवाई थी, जिसके बाद तनाव को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए सीमा पर अहम तैनाती की गई।

थलसेना, वायुसेना और नौसेना की समन्वित कार्रवाई

डीजीएमओ घई के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना की भागीदारी वाली ‘सैन्य क्षमता और सफल रणनीति’ की जीत थी।

घई ने विस्तार से बताया, “हमने उनके 11 हवाई ठिकानों पर हमला किया, आठ प्रमुख ठिकानों, तीन हैंगरों और चार रडारों को क्षतिग्रस्त कर दिया। जमीन पर पाकिस्तानी हवाई संपत्तियाँ नष्ट कर दी गईं, जिनमें एक C-130 विमान, एक AEW प्रणाली और कई लड़ाकू विमान शामिल थे।”

नौसेना ने भी निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना पहले ही अरब सागर में आगे बढ़ चुकी थी। अगर पाकिस्तान इसे और आगे बढ़ाता, तो समुद्र और उसके पार, उसके लिए परिणाम विनाशकारी होते।”

पहलगाम हमलावरों को मार गिराया- DGMO घई

डीजीएमओ ने खुलासा किया कि भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के तीन मुख्य साजिशकर्ताओं का लगभग 96 दिनों तक पीछा किया और खत्म किया।

घई ने कहा, “हमने उन्हें आराम नहीं करने दिया। जब हमने आखिरकार उन्हें ढूंढा, तो वे थके हुए और कुपोषित लग रहे थे, दौड़ने से थके हुए थे।” हमने सभी को मार गिराया गया था।

उन्होंने 7 मई की तड़के लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके मुख्यालय और बहावलपुर के शिविरों सहित, आतंकवादी ठिकानों पर किए गए सटीक हमलों की तस्वीरें भी साझा किए। इन हमलों में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।

सिंधु जल संधि स्थगित कर दी गई

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की प्रतिक्रिया युद्ध के मैदान से कहीं आगे तक फैली हुई थी। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमले के तुरंत बाद 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगित करना उसी रणनीति का हिस्सा था जो यह संकेत देती थी कि आतंक और बातचीत की पुरानी रणनीति एक साथ नहीं चल सकती।”

उन्होंने कहा कि इससे भारत की सैन्य शक्ति को कूटनीतिक और आर्थिक साधनों के साथ जोड़ने की क्षमता का पता चलता है।

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद वर्षों से जारी

सीमा पार से दशकों से जारी आतंकवाद पर बात करते हुए, लेफ्टिनेंट जनरल घई ने वैश्विक समुदाय को बताया कि भारत में इससे कितने लोग मारे गए और कितना नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, “1980 के दशक में अकेले जम्मू और कश्मीर में 28,000 से ज्यादा आतंकवादी घटनाएँ हुई। 60,000 से ज्यादा परिवार यानी एक लाख से ज्यादा लोग, अपने घरों से भागने को मजबूर हुए। 15,000 नागरिक और 3,000 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बिहार चुनाव LIVE: रुझानों में NDA प्रचंड बहुमत की ओर, BJP-JDU में सबसे बड़ी पार्टी बनने की होड़; तेजस्वी खुद भी चल रहे हैं...

शुरुआती रुझानों में मीडिया में लगातार एनडीए की बढ़त दिख रही है। सुबह 9:30 बजे के आँकड़ों के मुताबिक सबसे अच्छा प्रदर्शन अब तक जेडीयू-भाजपा का है।

बिहार में वोटों की गिनती शुरू होते ही रुझानों में आगे निकली NDA, नीतीश का दिख रहा है जलवा: जानिए अब तक महागठबंधन का...

शुरुआती रुझानों में मीडिया एनडीए की बढ़त दिखा रहा है। वहीं महागठबंधन अभी के लिए रेस में आधे से ज्यादा मार्जिन से पीछे है।
- विज्ञापन -