Friday, June 20, 2025
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‘एक बार तो अल्लाह भी माफ कर देता है…’: नोमान इलाही के लिए भी चाहिए ‘माफी’, ISI जासूस के कैराना से पानीपत तक के लिंक ऑपइंडिया ने खँगाले

ऑपइंडिया का कैमरा देखते ही भड़की पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही की बहन जीनत। कहा, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई घर में अंदर आने की। हमें किसी से बात नहीं करनी। अपना कैमरा बंद करो।"

छोड़ दो बच्चा है। पता नहीं क्या फितूल आ गया उसके। एक बार तो अल्लाह ताला भी माफ कर देता है। अगर नहीं छोड़ते तो रोटी कपड़ा तो देगी उसे सरकार?

ये बात ISI जासूस नोमान इलाही के लिए ऑपइंडिया से कैराना की एक बुजुर्ग मुस्लिम महिला ने कही। इलाही का घर कैराना के बेगमपुरा इलाके में है। बुजुर्ग महिला हमें इलाही के तालाबंद घर के बाहर ही मिली थीं।

कैराना, उत्तर प्रदेश की वह जगह है जो सुर्खियों में गलत वजहों से ही आती है। अभी हरियाणा के पानीपत से नोमान इलाही की गिरफ्तारी ने उसे चर्चा में ला दिया है। 2014 में यह जगह हिंदू व्यापारियों की हत्या और 2016 में हिंदुओं के पलायन को लेकर चर्चा में आया था। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस माहौल में बदलाव आया और पलायन कर चुके कई हिंदू फिर से वापस लौटे हैं।

नोमान इलाही की हकीकत जानने के लिए ऑपइंडिया के रिपोर्टर दिल्ली से करीब 125 किलोमीटर दूर कैराना तक गए। लोगों से पूछते-पूछते कैराना के उस बेगमपुरा तक भी पहुँचने में कामयाब हुए. जहाँ नोमान इलाही का घर है।

मैं बाहर नहीं आ सकती, पर्दा है: नोमान इलाही की पड़ोसन

मिश्रित आबादी के बीच एक संकरी गली में नोमान इलाही के घर के दरवाजे पर ताला लटका हुआ था। हमने पड़ोसियों का दरवाजा खटखटाया। एक महिला ने नाम न बताते हुए जालीदार दरवाजे के अंदर से (पहचान छिपाते हुए) कहा, “इनके सारे काम गलत हैं। ये किसी के पैसे लेकर भागते हैं तो किसी का कुछ। इन लोगों से हमारा कोई मतलब नहीं है। ये कई सालों से यहाँ नहीं रहते हैं।” बाहर आकर बात करने के अनुरोध पर महिला ने कहा, “मैं बाहर नहीं आ सकती। पर्दा है। मैं अपना नाम नहीं बताऊँगी। इसे (नोमानी) खत्म कर दीजिए या जेल में डाल दीजिए।”

नोमान इलाही की गली में सन्नाटा, कोई पहचान बताने को तैयार नहीं

जिस गली में नोमान इलाही का घर है, सन्नाटा पसरा हुआ था। लोग बात करने से बच रहे थे। अपनी पहचान भी नहीं बता रहे थे। ऐसी ही एक महिला ने अपना नाम न बताते हुए कहा, “करीब 2 साल से नोमान के घर पर ताला लगा है। इसके भाई मजदूरी करते हैं और बहनों की शादी हो चुकी है। नोमान जब यहाँ रहता था तो बहुत अच्छा था बाहर जाने के बाद पता नहीं।” इस दौरान अन्य महिलाएँ अपने खिड़कियों से झाँक रहीं थी। लेकिन कैमरा सामने आते ही घर के अंदर चली जा रहीं थीं। इसी बीच एक युवक ने कहा, “नोमान के कारण कैराना बदनाम हुआ है। उसने जो भी किया है, गलत किया है।”

नोमान इलाही के लिए माफी चाहती हैं बुजुर्ग महिला

नोमान के घर के पास हाथ में चिप्स लिए खड़ी एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “जब यहाँ रहता था तो अच्छा था। अब पता नहीं। जैसा उसने किया है, वैसा वह भरेगा। वह एक-दो बार पाकिस्तान गया होगा। उसके वहाँ रिश्तेदार हैं।” इस महिला का यह भी कहना था कि उनके रिश्तेदार भी पाकिस्तान में रहते हैं, लेकिन वे कभी गईं नहीं, क्योंकि पासपोर्ट नहीं बन सका। इसी बुजुर्ग महिला ने नोमान इलाही को माफ कर देने की बात की, जिसका हमने अपनी रिपोर्ट की शुरुआत में जिक्र किया है। उन्होंने यह भी बताया कि नोमान की गिरफ्तारी के बाद इस गली में लोगों का आना बढ़ गया है। इसी दौरान नोमान के घर के सामने वाले मकान में मौजूद एक लड़के ने बताया, “वह (नोमान इलाही) जब भी यहाँ आता था तो अकेला ही घर में रहता था और फिर ताला लगाकर चला जाता था।”

जिस मस्जिद में जाता था नमाज पढ़ने, उसके इमाम बोले- मैं नोमान इलाही को नहीं जानता

हमने गली के सामने वाली मस्जिद के उस इमाम से भी बात करने की कोशिश की जहाँ नोमान इलाही नमाज पढ़ने के लिए जाता था। लेकिन मस्जिद के इमाम ने कैमरे के सामने आने से इनकार कर दिया। इमाम शहजाद ने कहा, “मैं उसे नहीं जानता। उसने गलत किया है। उसे सजा मिलनी चाहिए।”

इसी मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले दानिश ने बताया, “नोमान ने शहर का नाम बदनाम किया है। पहले (जब वह कैराना रहता था) वह अक्सर नमाज के लिए मस्जिद आता था। मैंने उसे देखा है। अब वह अपनी बहन के यहाँ पानीपत रहता है। इसका बाप भी नकली पासपोर्ट बनाने का काम करता था। उसने देश के साथ गद्दारी की है। उसे फाँसी की सजा होनी चाहिए।” वहीं बैठे एक बुजुर्ग ने कहा, “मैं उसे नहीं जानता। लेकिन उसे अपने किए की सजा जरूर मिलनी चाहिए।”

सपा राज में ‘मिनी पाकिस्तान’ कहलाता था कैराना

कैराना व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रदीप गोयल ने बताया कि सपा सरकार में कैराना ‘मिनी पाकिस्तान’ के नाम सा जाना जाता था। योगी सरकार के बाद छवि सुधरी है। लेकिन नोमान की गिरफ्तारी ने फिर से कैराना की छवि को धूमिल किया है।

हमें देखते ही भड़क उठी नोमान इलाही की बहन

नोमान इलाही की गिरफ्तारी पानीपत से हुई है। यहाँ के सेक्टर-29 स्थित मोहन नगर में वह अपनी बहन के घर रहता था। यहाँ हमें कैमरा के साथ देखते हुए नोमान इलाही के रिश्तेदार भड़क उठे। करीब 75-80 गज के पुराने से मकान के फर्श पर बैठी नोमान की बहन जीनत ने कहा, “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई घर में अंदर आने की। किससे पूछकर घर के अंदर आए। हमें किसी से बात नहीं करनी। अपना कैमरा बंद करो।”

हमने नोमान के जीजा इरफान से बात करने की कोशिश की तो उसने कहा कि हम मीडिया से तंग आ चुके हैं। मीडिया पूछती कुछ है और दिखाती कुछ है। हमें किसी से बात नहीं करनी। उसने कहा, “अब हमारा नोमान से कोई नाता नहीं है। उसने हमारी 35 साल की कमाई हुई इज्जत को मिट्टी में मिला दिया है।”

उल्लेखनीय है कि 3 बहन और 3 भाइयों में नोमान सबसे छोटा है। उसका निकाह नहीं हुआ है। उसका जीजा इरफान पानीपत में कार धुलाई सेंटर के साथ साथ बाइक लेमिनेशन और लकड़ी का भी काम करता है।

‘घास भारत का खा रहा, दूध पाकिस्तान में दे रहा’

जिस गली में नोमान की बहन का घर है, उसके बाहर दुकान करने वाली एक महिला ने ऑपइंडिया को बताया, “वह कभी-कभी बीड़ी का बंडल लेने के लिए दुकान पर आता था। हमें कभी शक ही नहीं हुआ कि वह ऐसा भी कुछ करता है। अगर वह गुनहगार है तो कानून उसे सजा दे।”

पड़ोस की एक अन्य लड़की का कहना था कि यदि उनलोगों को पता होता तो वे पहले ही नोमान इलाही की खबर पुलिस को देकर उसे पकड़वा देते। उसने कहा, “ऐसे बंदे तो गोली मार देनी चाहिए। घास भारत का खा रहा है और दूध पाकिस्तान में दे रहा है।”

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