Wednesday, June 4, 2025
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सर्च एंड डिस्ट्रॉय… कश्मीर में लश्कर-TRF के कमांडर ढेर, हथियारों का जखीरा मिला: क्या है ‘ऑपरेशन केलर’, भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ शुरू किया नया एक्शन

ऑपरेशन केलर भारतीय सेना का एक खास अभियान है जो जम्मू और कश्मीर के शोपियाँ इलाके में चलाया गया। इसे 13 मई 2025 को शुरू किया गया था। यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत शुरु किया गया है। इस ऑपरेशन का सीधा मतलब है आतंकियों को ढूँढकर मारना।

एक तरफ पहलगाम आतंकी हमले पर कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया है। वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में आतंकियों को ढूँढ़कर उनका सफाया करने के लिए ‘ऑपरेशन केलर’ चलाया गया है।

‘ऑपरेशन केलर’ के तहत, भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ जिले के शोकल केलर इलाके में भारी गोलीबारी के दौरान 3 खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया है। जानकारी के अनुसार मारे गए आतंकियों के पास से गोला असला और बारूद मिला है। इसमें ए के-46, लगभग 200 एके राउंड, कई मैगज़ीन, 3 ग्रेनेड और कुछ नकदी शामिल हैं।

मारे गए तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जु़डे़ थे। आतंकियों की पहचान शाहिद अहमद कुट्टे, अदनान शफी डार और अहसान अहमद शेख के रूप में हुई है।

आतंकियों को खत्म करने का मिशन ‘ऑपरेशन केलर’

ऑपरेशन केलर भारतीय सेना का एक खास अभियान है जो जम्मू और कश्मीर के शोपियाँ इलाके में चलाया गया। इस अभियान को 13 मई 2025 को आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत शुरु किया गया है। इस ऑपरेशन का सीधा मतलब है आतंकियों को ढूँढकर मारना यानि ‘सर्च एंड डिस्ट्रॉय’।

जी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ‘ऑपरेशन केलर’ का नाम शोपियाँ के शोकल केलर क्षेत्र से लिया गया गया है, जहाँ से राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट को आतंकियों की खूफिया जानकारी हाथ लगी थी। केलर गाँव के शुकरू के जंगलों में आतंकी छिपे हुए थे, जिसे भारतीय सेना ने ढूँढ़कर खत्म किया है। इस ‘ऑपरेशन केलर’ की सूचना भारतीय सेना ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से दी।

अन्य जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना ने ऑपरेशन केलर के तहत एक एक्शन वाला फोटो जारी किया है। फोटो में बताया कि ऑपरेशन के दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसकी जवाबी कार्रवाई में सेना ने लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकी ढेर किए।

भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, शोपियाँ का जंगली इलाका आतंकियों का गढ़ इसलिए बना है, क्योंकि यह इलाका घने जंगलों के बीच है और 100 मीटर की दूरी पर किसी भी हलचल के देख पाना मुश्किल है। शोपियाँ जिला सिर्फ 141 किमी दूर पीर पंजाल की पहाड़ियों से है। पीर पंजाल के आसपास कुपवाड़ा, उरी, तंगधार, पुंछ और राजौरी जैसे इलाके है, जहाँ आतंकी आसानी से घुसपैठ कर सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, शोपियाँ में आतकियों को लोकल सपोर्ट मिलता है। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल के अनुसार घना जंगल और सेब का खेत होने की वजह से आतंकियों के लिए यह सेफजोन है।

ऑपरेशन केलर इसलिए चलाया गया ताकि इलाके से आतंकवाद को खत्म किया जा सके और वहाँ शांति बनी रहे। पहलगाम में हुए हमले के बाद लोगों में डर का माहौल था, इसलिए सेना ने यह सख्त कदम उठाया ताकि लोगों को भरोसा हो कि वे सुरक्षित हैं। यह ऑपरेशन दिखाता है कि भारतीय सेना आतंकियों के खिलाफ कितनी सख्त है और उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शने वाली नहीं है। अभी भी इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है ताकि बचे हुए आतंकियों को भी पकड़ा जा सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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