Tuesday, December 10, 2024
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चीन के करीब पहुँची भारतीय वायुसेना, 13700 फीट की ऊँचाई पर एयरफील्ड तैयार: कभी लद्दाख में एयरस्ट्रिप खोलने पर कॉन्ग्रेस की सरकार ने पूछा था- क्यों किया ऐसा?

न्योमा एयरफील्ड को 13,700 फीट की ऊँचाई पर बनाया गया है, और इसमें 3 किलोमीटर लंबा रनवे है, जो आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है।

लद्दाख के न्योमा में भारत का अत्याधुनिक एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (ALG) लगभग तैयार है, जो चीन के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास स्थित है। इसे 13,700 फीट की ऊँचाई पर बनाया गया है, और इसमें 3 किलोमीटर लंबा रनवे है, जो आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत इस्तेमाल किया जा सकता है।

मोदी सरकार द्वारा ये प्रोजेक्ट साल 2021 में शुरू हुआ था और इसके लिए सरकार ने 214 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। इस एएलजी के तैयार होने से भारतीय सुरक्षा बलों को उत्तरी सीमा पर त्वरित रूप से पहुँचने में सहायता मिलेगी।

न्योमा एएलजी की स्टेटजिक लोकेशन बनाती है इसे खास

लद्दाख में न्योमा ALG का लोकेशन इसे सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है। यह LAC के सबसे नजदीक स्थित हवाई अड्डा है, जो कठिन पर्वतीय क्षेत्रों में भारतीय वायुसेना को सीधी पहुँच प्रदान करेगा। भारत-चीन तनाव के दौरान, इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। हाल के वर्षों में गलवान की घटना के बाद से भारत-चीन के बीच विवादित क्षेत्रों में अक्सर तनाव बना रहता है। इस नई एयरस्ट्रिप के जरिए भारत अपनी सामरिक और लॉजिस्टिक क्षमताओं को काफी हद तक बढ़ा सकता है, क्योंकि एलएसी से इसकी दूरी महज 30 किमी है।

दौलत बेग ओल्डी के लिए सरकार से छिपाकर वायुसेना ने किया था काम

इससे पहले, एक अन्य एयरस्ट्रिप दौलत बेग ओल्डी (DBO) को 2008 में बिना सरकारी अनुमति के दोबारा शुरू किया गया था। ये हवाई पट्टी 16,614 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और इसे भी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 43 साल तक बंद रहने के बाद वायुसेना के उस समय के उप प्रमुख एयर मार्शल पीके बारबोरा ने इसे पुनः चालू कराया था।

साल 2020 में पीके बारबोरा ने बताया था कि इस मिशन को पूरी तरह सीक्रेट रखा गया था, और तत्कालीन रक्षा मंत्री को भी मिशन के पूरा होने के बाद ही इसकी जानकारी दी गई थी। बारबोरा ने बताया कि अगर उन्होंने सरकार से लिखित अनुमति माँगी होती, तो कई बार की तरह उनकी इस योजना को भी रोका जा सकता था। इसलिए उन्होंने अपने समकक्ष अधिकारियों से बात करके, और बिना किसी लिखित आदेश के, दौलत बेग ओल्डी को फिर से चालू करने का निर्णय लिया।

इस बार सरकार ने खुलकर किया वायुसेना का सहयोग

इस बार न्योमा एएलजी की स्थापना में सरकार का पूर्ण समर्थन मिला है। सरकार ने न केवल बजट आवंटित किया बल्कि सेना को पूरी छूट भी दी। हाल ही में भारत और चीन के बीच तनाव के चलते, भारत ने अपनी सीमाओं पर बुनियादी ढाँचे को मजबूत करने के लिए तेजी से काम किया है। यह रणनीति दिखाती है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार है।

सेना के साथ ही नागरिकों को भी होगा फायदा

न्योमा एएलजी के चालू होने से भारत की LAC पर ऑपरेशनल क्षमता में भारी इजाफा होगा। सेना अब ऊँचे और दुर्गम इलाकों में त्वरित रूप से पहुँच सकती है। इसके अलावा, इस एएलजी से नागरिक क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी सुधरेगी, जिससे स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर में सुधार आएगा। स्थानीय स्तर पर यात्राओं के लिए इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल किया जा सकेगा, जिससे आपूर्ति और अन्य जरूरतों को समय पर पूरा किया जा सकेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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