कनाडा के सरे शहर में शनिवार (19 अप्रैल 2025) को वार्षिक खालसा दिवस वैसाखी परेड का आयोजन किया गया, जिसमें भारत विरोध नारे लगाए गए। परेड में 5,50,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे। इस परेड में खालिस्तान के झंडे और भारत विरोधी पोस्टरों को लहराया गया। इन पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के ‘वॉन्टेड’ बताया गया था।
बता दें कि सन 1699 में सिख धर्म के 10वें एवं अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने खालसा की स्थापना वैशाखी के दिन की थी। इसी के सम्मान में यह आयोजन किया जाता है। यह सिखों का सबसे बड़ा आयोजन है, जो दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है। यह सिख एकता और विविधता का उत्सव है, लेकिन अलगाववादियों ने इसे भी नहीं छोड़ा। सरे शहर में यह 1998 से निकाला जा रहा है।
परेड के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह ने परेड को एकता, विविधता और साझा खुशी की सुंदर अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने कहा, “सरे नगर कीर्तन सिख समुदाय के लिए अपने इतिहास, प्रथाओं, मानवाधिकारों और संप्रभुता के प्रति प्रतिबद्धता को साझा करने का एक अवसर है।” हालाँकि, इस कार्यक्रम में कई लोगों के लिए संप्रभुता का मतलब खालिस्तान आंदोलन से था।
इस परेड में एक बड़ा ट्रेलर ट्रक भी शामिल किया गया था, जिस पर जेल बनाया गया था। इस ‘जेल’ के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री जयशंकर के पुतले नारंगी रंग की वर्दी में थे। ‘जेल’ के बगल में उन्हें सिखों का दुश्मन बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की माँग करने वाले पोस्टर लगाए गए थे। उन पर खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया था।
Happening now: World’s largest Khalsa Day Parade in Surrey, B.C.
— Mocha Bezirgan 🇨🇦 (@BezirganMocha) April 19, 2025
Chants of “Kill Modi Politics” echo throughout the parade route, accompanied by Sikh hymns and martial arts demonstrations.
The event has attracted Liberal, NDP, and Conservative candidates promoting themselves.… pic.twitter.com/uE6T367uwY
ट्रक पर एक और पोस्टर था, जिसमें लिखा था ‘भारत को विभाजित करो’। इसमें 1 नवंबर 2025 को वैंकूवर में ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ की भी घोषणा की गई थी। परेड के दौरान ‘मोदी राजनीति को मार डालो’, ‘निज्जर को किसने मारा? भारतीय सरकार’ जैसे नारे लगाए गए। परेड में भारतीय ध्वज का भी अपमान किया गया। तिरंगे को झाँकियों के पीछे लटकाया गया था, जमीन को छू रहा था।
खालिस्तानी आतंकवादी संतोख सिंह खेला भी परेड में मौजूद था। उसने मंच से पंजाब को भारत से अलग कर खालिस्तान बनाने की बात कही। परेड में हरदीप सिंह निज्जर और कनिष्क बम विस्फोट के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार सहित कई आतंकवादियों का जश्न मनाया गया। यह घटना सरे में लक्ष्मीनारायण मंदिर और वैंकूवर में गुरुद्वारे पर खालिस्तानियों द्वारा भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे कुछ ही घंटों बाद हुई।
लक्ष्मीनारायण मंदिर पर फिर हमला
कनाडा के सरे में 19 अप्रैल को लक्ष्मीनारायण मंदिर पर हमला किया गया। मंदिर की दीवारों और दरवाजों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिख गए दिए गए। इसके साथ ही तोड़फोड़ भी की गई है। मंदिर समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि ये हमले पूर्व नियोजित हो सकते हैं, ताकि सिख और हिन्दू समाज आपस में बँट जाएँ। फिलहाल पुलिस मामले की जाँच शुरू की है।
कनाडा में मंदिर और गुरुद्वारों पर हमले का यह कोई पहला मामला नहीं है। 4 नवम्बर को भी कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में श्रद्धालुओं पर खालिस्तानी समर्थकों की भीड़ द्वारा हमला किया गया था। इस दौरान, मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडे बरसाए गए और महिलाओं व बच्चों को भी नहीं बख्शा गया था।
रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे पर हमला
सरे के मंदिर के अलावा, वैंकुवर के खालसा दीवान सोसाइटी गुरुद्वारा (रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा) पर खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारे लिख दिए गए। गुरुद्वारा प्रबंधन ने इसका आरोप ‘चरमपंथी ताकतों’ पर लगाया है। वहीं, सरे स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर के दिवारों को भी ऐसे ही अपवित्र कर दिया गया। उधर, सरे में उसी दिन खालसा दिवस वैशाखी परेड में खालिस्तानी झंडे लहराए गए।
रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारा प्रबंधन का का कहना है, “खालिस्तान की वकालत करने वाले सिख अलगाववादियों के एक छोटे समूह ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे विभाजनकारी नारे लगाकर हमारी पवित्र दीवारों को खराब कर दिया। यह कृत्य उन चरमपंथी ताकतों द्वारा चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है, जो कनाडाई सिख समुदाय के भीतर भय और विभाजन पैदा करना चाहते हैं।”