जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसके बाद देश में गुस्सा और आक्रोश फैल गया। भारत सरकार ने इस हमले का जवाब देने के लिए तुरंत कड़े कदम उठाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सेना को खुली छूट दे दी है।
प्रधानमंत्री आवास पर सोमवार और मंगलवार (28-29 अप्रैल 2025) को दो हाई-लेवल बैठकें हुईं। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख अमर प्रीत सिंह शामिल रहे। करीब 90 मिनट तक चली इन बैठकों में पहलगाम हमले के बाद की सुरक्षा स्थिति, आतंकियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशनों और भविष्य की रणनीति पर गहन चर्चा हुई।
पीएम मोदी ने कहा, “आतंकवाद का समूल नाश करना हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।” उन्होंने सेना की पेशेवर क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए जवाबी कार्रवाई के तरीके, समय और लक्ष्य तय करने का पूरा अधिकार सशस्त्र बलों को सौंप दिया।
#WATCH | PM Narendra Modi chairs a meeting with Defence Minister Rajnath Singh, NSA Ajit Doval, CDS and chiefs of all the Armed Forces. pic.twitter.com/Wf00S8YVQO
— ANI (@ANI) April 29, 2025
इससे पहले, सोमवार (28 अप्रैल 2025) को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने डर जताया था कि पहलगाम हमले के पलटवार में भारत पाकिस्तान पर कभी भी हमला कर सकता है। आसिफ ने रॉयटर्स से कहा था कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सैन्य हमला कर सकता है। ऐसे में पाकिस्तान ने अपनी सेना को मजबूत किया है और सैन्य हमले की आशंका में रणनीतिक फैसले लिए हैं। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और वजूद का खतरा होने पर पाकिस्तान परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकता है।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार (Government of India) ने कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर भी सख्त कदम उठाए थे। सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया, अटारी सीमा (Atari Border) को तत्काल बंद किया गया, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए और पाक उच्चायोग के रक्षा, वायु और नौसेना अताशे को एक हफ्ते में भारत छोड़ने का आदेश दे दिया। इस आदेश के बाद पाकिस्तानियों के भारत से वापस लौटने की भीड़ बढ़ गई, तो देश के अलग-अलग हिस्सों में उनकी धरपकड़ भी तेज हो गई।