Thursday, May 29, 2025
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54 साल बाद ढाका पहुँचा ISI चीफ, PAK से साठगाँठ देख भारत सतर्क: कहा- ‘सभी गतिविधियों पर हमारी नजर, कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे’

भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के बांग्लादेश में गुप्त मिशन ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। आईएसआई के उच्चाधिकारियों के बांग्लादेश के दौरे बांग्लादेशी सैन्य प्रतिनिधिमंडल के पाकिस्तान दौरे और पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात के ठीक बाद हुए हैं। भारत ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हम देश और क्षेत्र में सभी गतिविधियों पर नजर रखते हैं, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली सभी गतिविधियों पर भी नजर रखते हैं और सरकार उचित कदम उठाएगी।

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंसी ISI के चीफ असीम मलिक, आईएसआई महानिदेशक (एनलसिस) मेजर जनरल शाहिद आमिर अफसर और कई दूसरे वरिष्ठ अधिकारी कथित तौर पर इस समय बांग्लादेश का दौरा कर रहे हैं। सोमवार (21 जनवरी 2025) को आईएसआई के मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर समेत चार वरिष्ठ अधिकारी ढाका पहुँचे और दूसरे दिन मंगलवार (22 जनवरी 2025) को आईएसआई चीफ असीम मलिक भी बांग्लादेश पहुँचा। वो दुबई के रास्ते ढाका पहुँचा, जहाँ उसका स्वागत बांग्लादेश आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी मुहम्मद फैजुर रहमान ने किया। मलिक का दौरान 54 साल बाद किसी आईएसआई चीफ का बांग्लादेश दौरा है।

इससे पहले, बांग्लादेशी सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के रावलपिंडी का दौरा किया था, जहाँ बांग्लादेशी सैन्य अधिकारियों ने सेना, वायु सेना, नौसेना प्रमुखों से मुलाकात की थी। अब दोनों देशों के बीत संबंध तेजी से मजबूत हो रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आईएसआई ने बांग्लादेश में उल्फा चीफ परेश बरुआ से भी मुलाकात की है, जो जेल में बंद हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उल्फा के कैंप एक बार फिर बांग्लादेश के कशालॉन्ग क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। पाकिस्तानी एजेंसी भारत के पूर्वोत्तर में अस्थिरता फैलाने के लिए बांग्लादेश की जमीन का उपयोग कर रही है।

बता दें कि शेख हसीना के शासनकाल में आतंकवादी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की गई थी। लेकिन मोहम्मद यूनुस सरकार ने उल्फा चीफ की मौत की सजा माफ कर दी और 14 साल की सजा में तब्दील कर दी। इससे उल्फा की गतिविधियाँ फिर तेज हो गई हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह अपने पड़ोसी देशों की हर गतिविधि पर सतर्कता बनाए हुए है। बढ़ते पाक-बांग्लादेश सैन्य संबंधों पर भी भारत की नजर है और उचित समय पर आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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