Tuesday, October 8, 2024
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सिखों का अपमान करने वाली 3 किताबें पंजाब बोर्ड ने की बैन: जिसने भी दी थी अनुमति, उस पर होगी कड़ी कार्रवाई

जिन पुस्तकों पर बैन लगाया गया है उनमें पहला नाम 'मॉडर्न ABC ऑफ़ हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब' है। वहीं दूसरी और तीसरी किताब का नाम 'हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब' है।

पंजाब में स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सिखों का गलत इतिहास बताने के आरोप 3 किताबों को बैन कर दिया है। इन किताबों पर प्रतिबंध एक जाँच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद लगाया गया है। इस मामले में शिकायतकर्ता एक किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा थे। इस बात की जानकारी रविवार (1 मई 2022) को दी गई है।

जिन पुस्तकों पर बैन लगाया गया है उनमें पहला नाम ‘मॉडर्न ABC ऑफ़ हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब’ है जिसे मंजीत सिंह सोढ़ी ने लिखा है। दूसरी और तीसरी किताब का नाम ‘हिस्ट्री ऑफ़ पंजाब’ है। इन्हें क्रमशः महिंदरपाल कौर और एम एस मान ने लिखी हैं। ये तीनों किताबें क्लास 12 की पढ़ाई में प्रयोग होती थीं। इन तीनों पुस्तकों का प्रकाशन जालंधर के एक प्रकाशक द्वारा किया जाता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकायतकर्ता बलदेव सिंह सिरसा के मुताबिक इन किताबों के कुछ अंश सिखों के सच्चे इतिहास से मेल नहीं खाते। आरोप लगाया गया है कि इन पुस्तकों में न सिर्फ स्वाधीनता संग्राम में सिखों के बारे में गलत जानकारी दी गई है बल्कि गुरबाणी में भी शब्दों की गलतियाँ हुई हैं। तीनों पुस्तकों पर लगे प्रतिबंध की पुष्टि PSEB के चेयरमैन जोगराज सिंह ने की है। स्कूल शिक्षा विभाग ने जाँच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इन किताबों को बिक्री के साथ स्कूलों में पढ़ाने से भी रोक दिया गया है।

जोगराज सिंह के मुताबिक, “इतनी गलतियों के बाद इस इन किताबों को बोर्ड द्वारा पढ़ाने की अनुमति कैसे मिली थी। हम इसकी गहराई से जाँच करवाएँगे। इसमें जो भी अधिकारी या कोई अन्य दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इन तीनों किताबों के साथ एक ए सी अरोड़ा द्वारा लिखी एक अन्य किताब भी उन्हीं शब्दों के साथ लिखी गई है जिसे बिना बोर्ड के एप्रूवल के बेचा जा रहा था। इस मामले में जाँच करवाई जा रही है। हमें कार्रवाई के लिए अंतिम निष्कर्ष की प्रतीक्षा है।”

पुस्तक को बोर्ड द्वारा पढ़ाने प्रतिबंध के आदेशों की जानकारी SCERT (स्टेट कौंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एन्ड ट्रेनिंग) के साथ सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है। उन्हें इस आदेश पर तत्काल अमल करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि ये तीनों किताबें स्कूलों में दशकों से पढ़ाई जा रही थीं। जब आम आदमी पार्टी विपक्ष में थी तब उसने इन किताबों को बैन करने का मुद्दा उठाया था। इन किताबों पर बैन करने की माँग के साथ एक जुलूस भी निकाला गया था जिसमें पंजाब विधानसभा के वर्तमान में स्पीकर कुलतार सिंह भी शामिल हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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