Tuesday, April 23, 2024
Homeसोशल ट्रेंड'अरे कौन भौंक रहा है बदतमीज': नोबेल प्राइज पर पूर्व DGP का मीम देख...

‘अरे कौन भौंक रहा है बदतमीज’: नोबेल प्राइज पर पूर्व DGP का मीम देख आगबबूला हुईं रोहिणी सिंह, बदले में करारा जवाब मिला

सोशल मीडिया पर पूर्व डीजीपी का ट्वीट देखने के बाद वामपंथी पोर्टल द वायर की स्वयंभू पत्रकार रोहिणी सिंह (Rohini Singh) आगबबूला हो गईं। वह बिना सोचे-समझे पूर्व DGP को नैतिकता का पाठ पढ़ाने लगीं। जबकि उनके ट्वीट में मोहम्मद जुबैर तो क्या किसी का नाम नहीं लिखा हुआ है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद (DGP Shesh Paul Vaid) सोशल मीडिया पर मीम्स शेयर करने के कारण चर्चा में हैं। पूर्व डीजीपी ने गुरुवार (6 अक्टूबर 2022) को नोबेल पुरस्कार को लेकर एक मीम शेयर किया, जो उदारवादियों और इस्लामवादियों को पसंद नहीं आया। उन्होंने इस मीम को देखने के बाद शेष पॉल वैद पर भड़ास निकालनी शुरू कर दी।

दरअसल, पूर्व डीजीपी वैद ने अपनी टाइमलाइन पर मीम टाइम मैगजीन द्वारा प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट करने के एक दिन बाद शेयर किया है। सोशल मीडिया पर इसे देखने के बाद वामपंथी पोर्टल द वायर की स्वयंभू पत्रकार रोहिणी सिंह (Rohini Singh) आगबबूला हो गईं। वह बिना सोचे-समझे पूर्व DGP को नैतिकता का पाठ पढ़ाने लगीं। जबकि उनके ट्वीट में मोहम्मद जुबैर तो क्या किसी का नाम नहीं लिखा हुआ है।

वामपंथी क्यों पड़ गए पूर्व डीजीपी के पीछे?

टाइम पत्रिका द्वारा बुधवार (5 अक्टूबर 2022) को मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को नोबेल शांति पुरस्कार के संभावित विजेताओं की सूची में रखने के बाद सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है। इसी बीच बिना किसी का नाम लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी ने भी नोबल पुरस्कार के बारे में एक मीम पोस्ट कर दिया।

उन्होंने अक्षय कुमार, अनिल कपूर और नाना पाटेकर अभिनीत 2007 में रिलीज हुई फिल्म ‘वेलकम’ का एक सीन ट्वीट किया। मीम में फिल्म का फेमस डायलॉग, ‘अब घोड़ों की रेस में गधे भी दौड़ेंगे’ लिखा हुआ है। उन्होंने अपने ट्वीट में कैप्शन लिखा, “नोबेल शांति पुरस्कार और उसके बाद मुस्कुराता हुआ इमोजी।”

वैद की इस पोस्ट पर स्पष्ट रूप से किसी का नाम नहीं लिखा हुआ है। इसके बावजूद द वायर की पत्रकार रोहिणी सिंह आहत हो गईं और उनको जवाब लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, जो जिम्मेदार पदों पर आसीन हो, एक आईटी सेल ट्रोल के चक्कर में फँस गए। आप बागवानी, मिट्टी के बर्तनों या टोकरी बुनाई की कोशिश क्यों नहीं करते। महोदय, अगर आपको सेवानिवृत्ति के बाद समय बिताना मुश्किल लगता है। तो इन कामों को कर सकते हैं। ये सम्मानजनक शौक हैं।”

रोहिणी सिंह के बाद वैद के मजाकिया मीम पर तथाकथित वामपंथियों, इस्लामवादियों और जुबैर के ऑनलाइन समर्थकों ने पूर्व DGP के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया। उन्होंने वैद पर व्यक्तिगत हमले करने के साथ उनका मजाक भी उड़ाया। एक ने लिखा, “आज हमारे देश की जो हालत है उसमें तुम जैसे पुलिस वाले का बहुत बड़ा हाथ है।” आदिल नाम के यूसर ने लिखा, “गधा? आपका नाम तो नहीं है सर इसमें।”

सोशल मीडिया पर रोहिणी सिंह द्वारा लगाई गई आग के बाद पूर्व डीजीपी ने एक और मीम शेयर किया। यह भी बॉलीवुड फिल्म ‘वेलकम’ का है। इसमें फिल्म का फेमस डायलॉग ‘अरे कौन भौंक रहा है बदतमीज’ लिखा हुआ है।

ऑल्ट न्यूज के संस्थापकों को टाइम पत्रिका ने शॉर्टलिस्ट किया

TIME मैगज़ीन ने खुद को फैक्ट चेकर कहने वाले मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के संभावित विजेताओं की सूची में रखा है। इस सूची में अन्य नाम वलोडिमिर ज़ेलेंस्की, डब्ल्यूएचओ, डेविड एटनबरो, ग्रेटा थुनबर्ग, एलेक्सी नवलनी सहित कई नाम हैं।

मोहम्मद जुबैर वही शख्स है, जिसके कारण कट्टरपंथियों ने देश में ‘सर तन से जुदा’ का आतंक फैला रखा था। इस हिंसा के कारण उदयपुर के कन्हैयालाल साहू और अमरावती के उमेश कोल्हे सहित कम-से-कम 6 हिंदुओं को जान गँवानी पड़ी। ऐसे व्यक्ति को नोबेल शांति पुरस्कार 2022 की सूची में स्थान देना अत्यंत निंदनीय है और यह टाइम मैगज़ीन के निम्न मानकों को भी दर्शाता है।

याद दिला दें कि कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के बाद टाइम मैगजीन ने एक लेख प्रकाशित किया था, जिसमें इस्लामवादियों की करतूत को छिपाकर पीड़ित को उनकी दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। कन्हैया लाल की हत्या पर टाइम में लिखते हुए सान्या मंसूर ने कहा था कि गरीब हिंदू दर्जी ने पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ‘अपमानजनक टिप्पणियों’ का समर्थन करके इस्लामवादियों का गुस्सा मोल ले लिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘राहुल गाँधी की DNA की जाँच हो, नाम के साथ नहीं लगाना चाहिए गाँधी’: लेफ्ट के MLA अनवर की माँग, केरल CM विजयन ने...

MLA पीवी अनवर ने कहा है राहुल गाँधी का DNA चेक करवाया जाना चाहिए कि वह नेहरू परिवार के ही सदस्य हैं। CM विजयन ने इस बयान का बचाव किया है।

‘PM मोदी CCTV से 24 घंटे देखते रहते हैं अरविंद केजरीवाल को’: संजय सिंह का आरोप – यातना-गृह बन गया है तिहाड़ जेल

"ये देखना चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल को दवा, खाना मिला या नहीं? वो कितना पढ़-लिख रहे हैं? वो कितना सो और जग रहे हैं? प्रधानमंत्री जी, आपको क्या देखना है?"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe