Thursday, June 19, 2025
Homeसोशल ट्रेंडईसाई-मुस्लिम महिला साथ में, जिस हिन्दू का त्यो​हार वही किनारे: सोशल मीडिया यूजर्स भड़के,...

ईसाई-मुस्लिम महिला साथ में, जिस हिन्दू का त्यो​हार वही किनारे: सोशल मीडिया यूजर्स भड़के, जूते पहन पोंगल मनाने पर उदयनिधि स्टालिन को घेरा

इसी मौके पर यह त्योहार मनाने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन की एक फोटो वायरल हुई है। इसमें वह जूते पहने हुए हिजाब वाली महिला के बीच एक लड़की को प्रसाद परोस रहे हैं। उनके इस दौरान जूते पहनने पर लोगों ने प्रश्न उठाए हैं।

हिन्दू त्यौहार पोंगल को भी ‘सेक्युलर’ किए जाने का प्रयास चल रहा है। पोंगल मनाने में बुरका और क्रॉस वाली महिलाओं को तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने साथ रखा। उन पर आरोप है कि इस दौरान हिन्दू महिला को किनारे खड़ा कर दिया गया। अच्छी फसल और सूर्य की पूजा के इस त्यौहार पर अन्न पकाते समय उदयनिधि ने जूते उतारना भी मुनासिब नहीं समझा, यह कहते हुए लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रश्न उठाए हैं।

मंगलवार (14 जनवरी, 2024) को सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही देश भर में त्योहार मनाया जा रहा है। उत्तर भारत में जहाँ इसे खिचड़ी और मकर संक्रांति के नाम से तो दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से लोग मना रहे हैं। यह तमिलनाडु का एक बड़ा त्योहार है। इस त्योहार में पारंपरिक तौर पर मिट्टी के बर्तन में लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाया जाता है। सूर्य देव, इंद्र, गाय-बैल और खेती-किसानी से जुड़े प्रतीकों की पूजा की जाती है।

इसी मौके पर यह त्यौहार मनाने तमिलनाडु के सीएम स्टालिन की एक फोटो वायरल हुई है। इसमें वह जूते पहने हुए हिजाब वाली महिला के बीच एक लड़की को प्रसाद परोस रहे हैं। उनके इस दौरान यह जूते पहनने पर लोगों ने प्रश्न उठाए हैं। कुछ लोगों ने हिजाब वाली महिलाओं को इसमें शामिल करना पोंगल त्योहार को सेक्युलर बनाने की कोशिश और हिन्दुओं का अपमान बताया है।

CM स्टालिन के बेटे उदयनिधि की भी एक फोटो पर ऐसे ही प्रश्न उठे हैं। इसमें वह गले क्रॉस पहने एक महिला और बुर्के वाली एक महिला के साथ पोंगल के बर्तन में प्रसाद बनाते दिख रहे हैं। संभवतः एक हिन्दू महिला किनारे खड़ी है। इसके अलावा उन्होंने जूते भी पहन रखे हैं।

उनका यह फोटो सामने आने के बाद कई लोगों ने प्रश्न उठाए। टीवी एंकर सुमंत रमन ने लिखा, “ना आग, ना बर्तन में कुछ पक रहा, जूते पहने हुए और (संभवतः) हिंदू महिला को हिंदू त्योहार के लिए किनारे पर धकेला जा रहा है। द्रविड़वाद में जो कुछ भी गलत है, उसे दिखाती बेहतरीन तस्वीर। क्या इन आयोजनों का प्रबंध करने वाले लोग बेहतर फोटो सेशन का काम नहीं कर सकते? नई PR एजेंसी लेने का समय आ गया है।”

एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर इसे फैंसी ड्रेस कॉम्पटीशन बताया।

वहीं कुछ लोगों ने यह दावा किया कि पोंगल हिन्दू त्योहार नहीं है। हालाँकि, यह दावा सही नहीं लगता क्योंकि पोंगल में सूर्य को देव मान कर पूजा की जाती है। हिन्दुओं के वेद भी सूर्य पूजा की बात कहते हैं। वहीं इस्लाम में अल्लाह के अलावा और किसी की आराधना नहीं हो सकती। तमिल साहित्य, जिसे संगम साहित्य भी कहते हैं, उसमें भी पोंगल का जिक्र है। हालाँकि, इसका स्पष्ट नाम नहीं लिखा गया लेकिन इससे जुड़ी कई बातें भी लिखी हैं।

पोंगल से जुड़ी भगवान कृष्ण के गोवर्धन उठाने और भगवान इन्द्र की भी कहानी है। इसके अलावा पोंगल से ही भगवान शिव और नंदी की कथा भी जुड़ी है। ऐसे में यह हिन्दू त्योहार ही है। हिन्दुओं की ही मान्यता गाय, सूर्य और फसलों की पूजा करने की है। दूसरी बात यदि यह हिन्दू त्योहार ना होता तो बाकी मुस्लिम-ईसाई देशों में भी मनाया जाता।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ऐसी कौन सी डॉक्टरी पढ़ाता है ईरान जो शिया मुल्क की दौड़ लगाते हैं कश्मीरी, 100+ छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते निकाला: इजरायली हमलों...

भारत ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त ईरान से निकालने के लिए 'ऑपरेशन सिन्धु' लॉन्च किया है। भारत ने अपने 100+ नागरिकों को निकाल भी लिया है।

प्रेस की छीनी आजादी, न्यायालय को कर दिया पंगु, लाखों जेल में डाले: जिस कॉन्ग्रेस ने लगाई इमरजेंसी, वो अब लोकतंत्र के लिए लड़ने...

आपातकाल के समय नरेंद्र मोदी ने लोकतंत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाई, वहीं कॉन्ग्रेस आज उन्हें फासीवादी कहकर इतिहास को उल्टा दिखा रही है।
- विज्ञापन -