कर्नाटक में मैसूर सैंडल सोप को लेकर ताजा विवाद ने क्षेत्रीय अस्मिता और कन्नड़ भाषा की भावनाओं को फिर से हवा दे दी है। कर्नाटक सरकार की कंपनी कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड (KSDL) ने बॉलीवुड अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को दो साल के लिए 6.2 करोड़ रुपये की डील के साथ मैसूर सैंडल सोप का ब्रांड एंबेसडर बनाया।
इस फैसले ने कन्नड़ समुदाय और विपक्षी दलों में नाराजगी की लहर पैदा कर दी है। आलोचकों का कहना है कि साल 1916 में मैसूर के राजा द्वारा शुरू किया गया मैसूर सैंडल सोप ब्रांड एक सांस्कृतिक प्रतीक है, उसका चेहरा कोई स्थानीय कन्नड़ कलाकार होना चाहिए था।
We're thrilled to welcome the iconic Ms Tamannaah Bhatia (@tamannaahspeaks) as the brand ambassador for Mysore Sandal Soap! A symbol of grace and versatility, Tamannaah perfectly mirrors the legacy, purity, and timeless appeal of our heritage brand
— House Of Mysore Sandal (@MysoreSandalIn) May 22, 2025
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विरोध का मुख्य कारण तमन्ना का कर्नाटक से नाता न होना है। मुंबई में जन्मी तमन्ना ने भले ही दक्षिण भारतीय सिनेमा में काम किया हो, लेकिन कन्नड़ संगठनों का कहना है कि यह नियुक्ति कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत का अपमान है।
कर्नाटक डिफेंस फोरम के प्रमुख नारायण गौड़ा ने इसे ‘अनैतिक’ करार देते हुए कहा कि कर्नाटक में रुक्मिणी वसंत जैसी कई प्रतिभाशाली कन्नड़ अभिनेत्रियाँ हैं, जो इस ब्रांड को बेहतर ढंग से रिप्रेजेंट कर सकती थीं। सोशल मीडिया पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब ‘सैंडलवुड’ (कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री) में इतना टैलेंट है, तो बाहरी अभिनेत्री को क्यों चुना गया? कुछ यूजर्स ने तो यहाँ तक कहा कि कई स्थानीय कलाकार मुफ्त में भी यह काम कर सकते थे।
स्थानीय संगठनों का ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। उन्होंने सरकार पर कन्नड़ गौरव को ठेस पहुँचाने और स्थानीय प्रतिभाओं की अनदेखी का आरोप लगाया। आलोचकों का यह भी कहना है कि 6.2 करोड़ रुपये की भारी रकम को शिक्षा, स्वास्थ्य या रोजगार जैसे जरूरी क्षेत्रों में खर्च करना चाहिए था। कन्नड़ रक्षण वैदिके जैसे संगठनों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर तमन्ना की नियुक्ति रद्द करने की माँग की है।
KSDL has deepest respects and regards for Kannada Film Industry. Some Kannada Movies are giving competition to even Bollywood movies.
— M B Patil (@MBPatil) May 22, 2025
Mysore sandal has a very good brand recall within Karnataka. Which shall be strengthened.
However the intent of Mysore Sandal is to also… https://t.co/qnXe3MyJYn
दूसरी ओर कर्नाटक सरकार ने अपने फैसले का बचाव किया है। उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने कहा कि यह निर्णय मार्केटिंग विशेषज्ञों की सलाह पर लिया गया। तमन्ना के 2.8 करोड़ सोशल मीडिया फॉलोअर्स के जरिए ब्रांड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का लक्ष्य है। पाटिल ने बताया कि रश्मिका मंदाना, दीपिका पादुकोण और कियारा आडवाणी जैसे नामों पर भी विचार हुआ, लेकिन तमन्ना को उनकी उपलब्धता और लोकप्रियता के आधार पर चुना गया। कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार का कहना है कि मैसूर सैंडल सोप की 82% बिक्री कर्नाटक के बाहर होती है, इसलिए ब्रांड को वैश्विक बनाने के लिए यह रणनीति जरूरी थी।
यह विवाद कन्नड़ भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता की जिद को फिर से सामने लाया है। पहले भी कर्नाटक में भाषाई और क्षेत्रीय पहचान को लेकर बहस होती रही है। बीते कुछ समय में कन्नड़ के नाम पर कई विवाद चर्चा में रहे हैं, खासकर सत्ताधारी कॉन्ग्रेस पार्टी की तरफ से। ऐसे में एक तरफ तो सत्ताधारी लोग कन्नाडिगा मुद्दा उठा रहे हैं, तो दूसरी तरफ कथित ‘बाहरी’ लोगों को ब्रांड एंबेसडर बनाकर खुद ही बैकफुट पर जा रहे हैं।