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इस्लामी कट्टरपंथ
जिन कट्टरपंथियों ने मंदिर बनवाने वाले ‘मोहम्मद अनवर’ का घर जला डाला, UP पुलिस ने किया गिरफ्तार
रायबरेली के मोहम्मद अनवर ने इस्लाम को छोड़ दिया था। स्वेच्छा से हिंदू बन कर देव प्रकाश नाम भी रख लिया था। अपनी जमीन पर मंदिर...
पाकिस्तान में हिन्दू मंदिर विध्वंस पर भारत ने दर्ज कराया कड़ा विरोध: अब तक 30 गिरफ्तार और 350 पर FIR
कट्टरपंथी इस्लामी भीड़ द्वारा हिन्दू मंदिर तहस-नहस किए गए जाने वाली घटना पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने इस घटना के प्रति कूटनीतिक माध्यमों से पाकिस्तान को नाराज़गी जाहिर की है।
दिल्ली पुलिस पर रिवॉल्वर तानने वाले शाहरुख को भूली कॉन्ग्रेस, जामिया फायरिंग के नाबालिग को ‘उग्र दक्षिणपंथी’ बता दिखाया
कॉन्ग्रेस को शाहरुख याद नहीं है। लेकिन, जामिया में गोली चलाने वाले नाबालिग का चेहरा दिखाने से उसे गुरेज नहीं। क्यों? सिर्फ इसलिए कि वह नाबालिग एक हिंदू था।
जाकिर नाइक का ‘हिन्दू लड़की’ को ज्ञान: गैर-मुस्लिम से शादी न करें, जब तक वह इस्लाम नहीं अपना लेता
लड़की का सवाल था कि उसके समाज में मुस्लिम पुरुष से शादी करना काफी मुश्किल है तो क्या मुस्लिम व्यक्ति से शादी करना अनिवार्य है या फिर ऐसी परिस्थिति में वह हिंदू युवक से भी विवाह कर सकती है?
फ्रांस में मुस्लिम युवक ने शेयर की क्रिसमस की तस्वीरें: ईसाई त्यौहार में शामिल होने मात्र से हिंसा पर उतरे कट्टरपंथी
घटना फ्रांस के बेलफोर्ट स्थित उत्तर पूर्वी शहर में हुई, जहाँ 20 साल के मुस्लिम युवक को सिर्फ इसलिए अपनी कौम की हिंसा का शिकार होना पड़ा क्योंकि वह एक क्रिसमस पार्टी में शामिल हुआ था।
मुस्लिम पति की ईसाई बीवी के पास बाइबिल, कुरान में देख कर दी सजा: छड़ी से पीट-पीट अधमरा किया, फिर पिलाया कीटनाशक
युगांडा में एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी ईसाई पत्नी के पास बाइबिल देख लिया। इसके बाद कुरान में 'सज़ा' देख कर उसे पीटा और कीटनाशक भी पिलाया।
वैक्सीन लेने से पहले फ़तवे का इंतज़ार करो, उसमें कुछ ऐसा तो नहीं है जो इस्लाम में हराम है: दारूल उलूम देवबंद
मौलवी का कहना है कि मुस्लिमों को कोरोना वैक्सीन लेने से पहले फ़तवा का इंतज़ार करना चाहिए। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के दारूल उलूम देवबंद के मौलवी ने एक बयान दिया है।
सूअर का माँस खाने वाला, शराब पीने वाला ‘क़ायद ए आजम’, जो नमाज तक पढ़ना नहीं जानता था
जिन्ना शराब पीता था, सूअर का माँस खाता था, उर्दू नहीं बोलता था और नमाज तक पढ़ना नहीं जानता था। तमाम मजहबी विरोधाभासों के बावजूद उन्हें समुदाय विशेष ने प्रेम किया, यह चौंकाने वाली बात जरूर है।
परमादरणीय श्री जाकिर नाइक साहब! जन्नत में मर्दों को तो हूरें मिल जाती हैं, औरतों को क्या मिलता है?
क्या धरती पर बढ़ती आबादी के हिसाब से जन्नत में हूरों की सप्लाई भी बढ़ती जाती है? पुरानी हूरों और नई हूरों को मिलाकर उनकी आबादी का एक मुकम्मल आँकड़ा पेश करें। यह भी बताएँ कि इन हूरों का लाभ अभी कुल कितने मजहबी पुरुषों को मिल रहा है?
नींद से जागो आरफा खानम शेरवानी! भक्त तो बस हलाला-शिर्क पढ़ ही रहे हैं, कई मुस्लिम वही कर रहे हैं
हिंदू इस्लाम को बदनाम नहीं कर रहे हैं। इसकी मट्टी पलीद उसी कट्टरपंथ ने की है जिसकी कठपुतली बनकर आरफा 'ज्ञानवाचक' बनती हैं।