Friday, April 26, 2024

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कश्मीर समस्या

VIDEO: कश्मीर समस्या का हल शिक्षा और नौकरियाँ नहीं हैं – पार्ट 1

इस तीन हिस्से वाली शृंखला में, नितिन गुप्ता (जो कि रिवाल्डो के नाम से भी जाने जाते हैं) कश्मीर समस्या को पुलवामा हमले के आलोक में देख रहे हैं। पहले एपिसोड में वो बता रहे हैं कि 'शिक्षा की कमी से आतंकवाद फैलता है' इस सोच का सच क्या है।

मोदी सरकार ने लिया J&K में अब तक का सबसे बड़ा फैसला: JKLF पर लगा प्रतिबंध

जिस जेकेएलएफ और यासीन मलिक पर महबूबा मुफ्ती की बहन के अपहरण का आरोप है, महबूबा उसी के समर्थन में खड़ी हो गईं हैं।

अलगाववादी गिलानी पर ED ने लगाया ₹14.40 लाख का जुर्माना, यासीन मलिक की अवैध विदेशी मुद्रा जब्त

जम्मू-कश्मीर के अलागवावादी नेताओं पर भारतीय जाँच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने घाटी के अलगाववादी नेता सैयद अली...

बेटे की आड़ में सेना को ‘गाली’ देने वाले को कश्मीरी हिन्दू महिला से मिला करारा जवाब

खुर्रम परवेज़ को किसी को अपने बेटे के ‘डर’ के लिए दोष देना ही है तो कश्मीरी दहशतगर्दों को दें। भारतीय सेना के ‘काफ़िर' वीर दशकों से अपनी जान की कुर्बानी दे कर भी शरणार्थी को अभय प्रदान करते आए हैं।

आतंक की फंडिंग की जाँच मज़हब में दखल कैसे बन गई?

घाटी भर के इस्लामी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारुख को एनआइए समन के खिलाफ़ इकट्ठे हो गए हैं। उनके लिए कश्मीर में दहशतगर्दी की जाँच मज़हबी मामलों में दखल है।

आदिल डार के पिता का फ़ख्र glitch नहीं, इस आतंकी मानसिकता का feature है

बानगियों की कमी नहीं है यह जानने के लिए कि आखिर एक सेक्युलर समाज में ऐसी क्या कमी है जो अलगाववादियों को वह मंज़ूर नहीं, और जिससे कश्मीर को आज़ाद कराने के लिए बुरहान वानी और आदिल डार ने जान लेने और देने में कोई संकोच नहीं किया।

बिना जुबाँ लड़खड़ाए कश्मीर समस्या को इस्लामी आतंक जनित समस्या कहना ज़रूरी

कश्मीर में अलगाववाद को बल मिलता है पैन-इस्लामिज़म से, जो खिलाफत आंदोलन के या उससे भी पूर्व के उस विचार से प्रभावित है, जिसमें दुनिया के सभी मुस्लिमों को राष्ट्रीय सीमाओं से परे एक झंडे के नीचे खड़े होने को अपना आदर्श मानता है।

मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर में तिरंगे की जगह कौन से झंडे लोग लहराने को मजबूर होंगे : महबूबा

चुनाव आने वाले हैं महबूबा जी, आपकी भी मजबूरी होगी आतंक और आतंकियों को प्रश्रय देना, लगातार उनके पक्ष में बयान देना। शायद आपको भी शांति अच्छी नहीं लगती होगी?

दबाव में पाकिस्तान ने जैश मुख्यालय, मदरसे और मस्जिद को अपने नियंत्रण में लिया

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से डरे पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर को अपने कब्जे में ले लिया है।

आखिर इतने कश्मीरी देहरादून पहुँचे कैसे? जानिए क्या है सच

कौन जानता है कि IMA जैसे संस्थानों पर भी ये शांतिदूत नजरें रखे हुए हों और आर्मी की गतिविधियों की सूचना कहीं भेजते हों? देहरादून में ही DRDO और आयुध निर्माण फ़ैक्ट्री भी हैं, जिन्हें बेहद संवेदनशील माना जाता है।

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