यह भी सच है कि कई सवाल न केवल अंदरूनी सूत्र आरवीएस मणि और पीड़िता साध्वी प्रज्ञा द्वारा उठाए गए हैं, बल्कि कई अन्य लोगों ने उनके आचरण और मिलीभगत के बारे में ‘भगवा आतंक’ का झूठ गढ़ने के लिए उठाए हैं। सच्चाई शायद बीच में कहीं है। लेकिन साध्वी प्रज्ञा की आवाज़ को चुप कराने की कोशिश करने वाले, इन तमाम मीडिया गिरोहों से कोई भी उम्मीद करना बेमानी है।
मोंसेरेट को राजनीतिक दल बदलने की आदत है। उसने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूनाइटेड गोअन डेमोक्रेटिक पार्टी (UGDP) के सदस्य के रूप में की, फिर 2004 में भाजपा में शामिल हुआ और 2007 में UGDP में वापस आ गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं आती और क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए? कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब माँगा है।
राहुल गाँधी ने पिछले दिनों एक चुनावी जनसभा में पीएम मोदी को घेरने की कोशिश करते हुए एक बयान में कह दिया कि ‘सारे मोदी चोर हैं’, मगर अफसोस की बात तो ये है कि राहुल घेरने तो निकले थे पीएम मोदी को, मगर इस बयान के बाद वो खुद बुरी तरह से घिर चुके हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा कि उनकी पार्टी मेहनती कार्यकर्ताओं की बजाय गुंडों को तरजीह दिए जाने से वह दुखी हैं। उन्होंने पार्टी के लिए हर तरफ से गालियाँ झेलीं पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी के भीतर ही उन्हें धमकाने वाले मामूली कार्रवाई के भी बिना बच निकलते हैं।
जहाँ एक तरफ मुकेश अंबानी देवड़ा का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राहुल गाँधी उनके भाई अनिल अंबानी पर हमलावर रुख़ अपनाते रहे हैं। देवड़ा को इस समय पूरे दक्षिण मुंबई में व्यापारी वर्ग की तरफ से समर्थन मिल रहा है। स्टेनलेस स्टील मर्चेंट एसोसिएशन, बुलियन, रत्न और ज्वेलरी एसोसिएशन से लेकर...
"वीडियो में ये साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि कैसे प्रद्योत किशोर ने अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने की कोशिश की है। अगर ये इंसान पुलिस स्टेशन के अंदर किसी शख्स के ऊपर हाथ उठा सकता है, तो फिर तो ये कहीं भी किसी की भी हत्या कर सकता है।"