Monday, November 18, 2024

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पुलवामा आतंकी हमला

पुलवामा जैसे IED से पूरे शहर को उड़ाने की साज़िश; 3 माओवादी आतंकी ढेर, 17 IED, 200 डेटोनेटर ज़ब्त

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन माओवादियों का इरादा किसी बड़ी घटना को अंजाम देने का था। सुरक्षा इंतज़ाम को कड़ा करते हुए पूरे इलाक़े की घेराबंदी की गई है जिससे इन माओवादियों के भागने का मौक़ा न मिल सके।

फैक्ट चेक: केंद्रीय मंत्री अल्फोंस ने नहीं ली शहीद के ताबूत के साथ सेल्फी, कॉन्ग्रेस ने फैलाया था झूठ

तस्वीरों से यह साफ होता है कि वायरल हो रही अल्फोंस की तस्वीर सेल्फी नहीं बल्कि मीडिया के कैमरे से खींची गई तस्वीर है।

दबाव में पाकिस्तान ने जैश मुख्यालय, मदरसे और मस्जिद को अपने नियंत्रण में लिया

पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख से डरे पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय बहावलपुर को अपने कब्जे में ले लिया है।

आखिर इतने कश्मीरी देहरादून पहुँचे कैसे? जानिए क्या है सच

कौन जानता है कि IMA जैसे संस्थानों पर भी ये शांतिदूत नजरें रखे हुए हों और आर्मी की गतिविधियों की सूचना कहीं भेजते हों? देहरादून में ही DRDO और आयुध निर्माण फ़ैक्ट्री भी हैं, जिन्हें बेहद संवेदनशील माना जाता है।

1267 क्या है? क्यों परेशान हैं पाकिस्तान, चीन और सऊदी अरब

भारत अगर इस प्रस्ताव को पारित करवाने में क़ामयाब होता है तो इससे पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर, पाकिस्तान और उसकी आतंक की फैक्ट्री पर रोकथाम लगाने के लिए उठाए गए कठोर कदमों को वैश्विक समर्थन हासिल होगा।

FATF से पाकिस्तान ने मांगी 200 दिनों की मोहलत, नहीं सुधरा हो जाएगा ब्लैक लिस्ट

बता दें कि FATF की सूची में पाकिस्तान पहले से ही ग्रे लिस्ट में शामिल है और उसके पास अब अक्टूबर तक का समय है। अगर पाकिस्तान अक्टूबर तक कोई कदम उठाकर सुधार नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा।

Fact Check: पुलवामा के बाद मोदी को फोटो से घेरने वाले राहुल खुद नाच रहे थे

4:45 बजे, कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने राहुल गाँधी के गुजरात में अपनी राजनीतिक रैली के बाद डांस करने और जश्न मनाने का एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में राहुल का न सिर्फ़ कपटी चेहरा सामने आया बल्कि वो लोगों के साथ नाचते हुए जश्न मनाते नज़र आए।

कुप्रेक: वामपंथ के इश्क़ में ज़हर होना

उम्मीद है कि 'राष्ट्रवाद से नफरत' की मानसिकता वालों के भी कभी अच्छे दिन जरूर आएँगे, जब ये यकीन करना शुरू कर देंगे कि जुरासिक पार्क की फिल्मों के लिए असली डायनासौर और सुपरमैन फिल्म बनाने के लिए असली सुपरमैन की सहायता नहीं ली गई थी।

जवानों के बलिदान को जाति और वर्ग में सीमित कर देने वाले नहीं समझेंगे राष्ट्रवाद की परिभाषा

सोचने वाली बात है कि एक तरफ जहाँ पर देश के कोने-कोने से लोगों द्वारा वीरगति प्राप्त जवानों के लिए हर संभव मदद पहुँचाई जा रही हैं वहीं पत्रकारिता के समुदाय विशेष के कुछ लोग इसे अपनी विचारधारा में सराबोर कर रहे हैं।

विडियो: कारवाँ के एजाज़ अशरफ़, मूर्खता विरासत में मिली है या कारवाँ वाले डिप्लोमा कराते हैं?

पुलवामा के वीरों की जाति: ये काम दिलीप मंडल जैसे लोगों का था, अब 'नए एंगल' की तलाश में कारवाँ ने इस नाले में भी अपनी जगह बना ली है।

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