Thursday, May 2, 2024

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महबूबा मुफ्ती

वाह उमर अब्दुल्ला! जब पिता को ख़तरा था तो गोलियाँ चलवा दीं, आज देश को खतरा है तो ‘सौहार्द’ याद आ गया

आज देश में उन लोगों के लिए सख्ती न करने की बात की जा रही है जो देश की भावनाओं को न केवल आहत कर रहे हैं बल्कि देश के ख़िलाफ़ खड़े होकर देशद्रोही होने का सबूत भी दे रहे हैं।

J&K में आग से खेल रही सरकार: लद्दाख डिविज़न पर महबूबा मुफ़्ती की बौखलाहट

"राज्य की मुस्लिम बहुल चरित्र को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार राज्यपाल को माध्यम बनाकर जो भी निर्णय ले रही है, वो राज्य के लोगों और उनके हितों के ख़िलाफ़ है।"

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