Saturday, April 20, 2024

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वामपंथी

राष्ट्रहित पर राष्ट्र के साथ होनी चाहिए हमारी विचारधारा, राष्ट्र के खिलाफ नहीं- JNU में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के अनावरण पर PM मोदी

PM मोदी ने कहा कि किसी एक बात जिसने हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहुत बड़ा नुकसान पहुँचाया है- वो राष्ट्रहित से ज्यादा प्राथमिकता अपनी विचारधारा को देना है

बिहार में तेजस्वी यादव के समर्थन में खड़े वामपंथी दलों ने यूपी की दी दुहाई, कहा- ‘हम हारे तो नहीं बचेगा लोकतंत्र’

भाकपा (माले) नेता ने कहा कि भाजपा देश में लोकतंत्र ख़त्म कर रही है और वो नहीं जीते तो बिहार में भी यही होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में उनकी सरकार नहीं बनी तो वहाँ लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी।

कितना आवश्यक है माँ दुर्गा को हर नवरात्र में सैनिटरी पैड पर उकेरना?

वामपंथीऔर उदारवादियों को यदि किसी मजहब में ज्ञान देना ही है तो उन्हें उन मजहब से शुरुआत करनी चाहिए, जहाँ समाज को शिक्षित करने की सजा गला रेतने के रूप में मिलती है।

कपटी वामपंथियो, इस्लामी कट्टरपंथियो! हिन्दू त्योहार तुम्हारी कैम्पेनिंग का खलिहान नहीं है! बता रहे हैं, सुधर जाओ!

हिन्दुओ! अपनी सहिष्णुता को अपनी कमजोरी मत बनाओ। सहिष्णुता की सीमा होती है, पागल कुत्ते के साथ शयन नहीं किया जा सकता, भले ही तुम कितने ही बड़े पशुप्रेमी क्यों न हो।

हिन्दू त्योहारों पर वामी-जिहादी गिरोह से कैसे निपटें?| Ajeet Bharti on Tackling Hinduphobia during festivals

भारत में हिंदुओं के हर त्योहार के पहले वामपंथियों, जकातियों, इस्लामी कट्टरपंथियों का एक गिरोह अचानक से सक्रिय हो जाता है। वह हर त्योहार में ये ज्ञान देने लगता है कि कहाँ क्या गलत है?

वामपंथन कविता कृष्णन ने ‘लव जिहाद’ से जताई अनभिज्ञता, कहा- मुझे एक भी केस नहीं मिले, ये लीजिए पढ़िए हाल के 10 से अधिक...

आज कविता कृष्णन, जिन्हें लव जिहाद के मामले रिसर्च करने पर भी नहीं मिल रहे, उनके लिए हम कुछ केस लेकर आए हैं ताकि लव जिहाद शब्द का अर्थ उन्हें व उन जैसे लोगों को समझ आ सके।

‘पुलिस ने रसीदे लात-घूँसे-लप्पड़.. पीठ, एड़ियों पर दिए लाल निशान’: वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘कारवाँ’ का दावा

वामपंथी वेबसाइट 'कारवाँ' ने दावा किया है कि दिल्ली पुलिस ने उनके पत्रकार की जमकर पिटाई की, जिससे कि उसके चेहरे और पीठ पर लाल निशाँ पड़ गए

वामपंथी दौर में हिंदुओं की आवाज बुलंद करने वाले सीता राम गोयल, जिनकी किताबें आज भी हैं प्रामाणिक

सेकुलरिज्म और नरसंहारों को नकारने की तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग की आदत को वो अपने दौर में आड़े हाथों लेते रहे। उनका जन्म 16 अक्टूबर 1921 को हुआ था और आज उनकी जन्मतिथि भी है।

तनिष्क मामला: NDTV की फर्जी खबर और हलाला वाले घरों में ‘प्यार’ बँटवाती जहरवाली वामपंथन

अपनी गलती मानते हुए भी आरोप आप ही पर कि आगे ये लोग दंगा कर देंगे, हिंसा कर देंगे, इसलिए हमने हटाया वरना विज्ञापन में तो ऐसा कुछ है नहीं, जो नहीं समझे उन्हीं की गलती है।

अजीत भारती का वामपंथन रोस्ट | Ajeet Bharti roasts pro-Tanishq leftists

लंबे समय से यह नौटंकी चलती रही कि एक खास मजहब अपनी उन्माद का उन्मुक्त प्रदर्शन करता रहे और अगर हमने कुछ बोल दिया तो हम सांप्रदायिक हो जाते थे।

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