Tuesday, April 30, 2024

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सुप्रीम कोर्ट

प्रशांत भूषण के ख़िलाफ़ SC में अवमानना याचिका, ईमानदारी पर शक का है मामला

प्रशांत भूषण ने शुक्रवार को कई ट्वीट करते हुए लिखा था कि सीबीआई प्रमुख नागेश्वर राव की नियुक्ति के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया।

2 मार्च है नए ‘रेप कानून’ के तहत मिलने वाली पहली फाँसी की तारीख़

अदालत ने कहा कि ऐसे क्रूर अपराधियों पर कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटा जा सकता है। ऐसी घटनाएँ जब तेजी से बढ़ रही हों, तो सख्ती दिखाना और जरूरी हो जाता है।

कानून के साथ खेलोगे, तो भगवान ही बचा सकते हैं: कार्ति चिदंबरम से SC

"हमारे पास कहने को बहुत कुछ है, लेकिन अभी वो समय नहीं है। आगे से यदि आपने जाँच में जरा सा भी असहयोग दिखाया, तो हम आप पर बहुत भारी पड़ेंगे।"

राम मंदिर: 0.3 एकड़ विवादित भूमि को छोड़ 67 एकड़ पर मोदी सरकार ने SC में चल दिया बड़ा दाँव

केंद्र सरकार के ताज़ा कदम का विश्व हिन्दू परिषद व अन्य हिन्दू संगठनों ने स्वागत किया है। सुप्रीम कोर्ट में बार-बार राम मंदिर मसले की सुनवाई टलने से ये संगठन नाराज़ चल रहे थे।

SC ने भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले विदेशियों का ब्यौरा माँगा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से हिरासत केंद्रों, वहाँ बंद बंदियों की अवधि और विदेशी नागरिक अधिकरण के समक्ष दायर उनके मामलों की स्थिति को लेकर सरकार से विवरण माँगा।

‘वेश्या’ कहे जाने पर पति की हत्या ‘मर्डर’ नहीं: SC का फ़ैसला

आरोपित महिला ने प्रेमी के साथ मिल कर अपने पति की हत्या कर दी थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन दोनों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस सज़ा को रद्द कर दिया।

रामभक्तों को अभी और करना होगा इंतज़ार, अयोध्या मामले की सुनवाई फिर टली

29 जनवरी को जस्टिस बोबडे अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए उप्लब्ध नहीं रहेंगे। इस वजह से सुनवाई को तत्तकाल टाल दिया गया है।

अयोध्या राम मंदिर मामले में नई बेंच का गठनः 29 जनवरी को 5 जजों की पीठ करेगी सुनवाई

10 जनवरी को पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस यूयू ललित ने खुद को मामले से अलग कर लिया था। दरअसल, अयोध्या से जुड़े एक मामले में उनके वकील के तौर पर पेश हो चुकने का मुद्दा उठाया गया था।

10% आरक्षण पर अभी नहीं लगेगी कोई रोक : सुप्रीम कोर्ट

आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण पर रोक लगाने के लिए साफ़ रूप से मना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले 124वें संविधान संशोधन पर विचार करेगा।

जज साहब डर गए क्या? आख़िर उंगली उठते ही भागकर किसका भला कर रहे हैं आप?

CBI डायरेक्टर, सेना प्रमुख, CJI- नेताओं ने अपनी घटिया राजनीतिक बयानबाज़ी में संवैधानिक पदों पर बैठे उच्चाधिकारियों को भी घसीट लिया है। उन पर बिना सबूत घटिया लांछन लगाए जाते हैं- अपनी राजनीति चमकाने के लिए।

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