सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील को हडकाते हुए ये भी कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला दिखाएँ, जिसमें जेल के अच्छे आचरण के कारण फाँसी की सज़ा को कम किया गया हो।
इस मामले में पुलिस और कमलनाथ सरकार पर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण मामले को दबाने की कोशिश की गई।
इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि सात बार चोरी की शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बताया जा रहा है कि जेवर चुराने की नीयत से बदमाश मंदिर में घुसे थे।
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मामला सामने आया था। इसके बाद मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
आरोपित कई दिनों से धनिराम को परेशान कर रहे थे। 14 जनवरी की रात उस पर केरोसिन उड़ेल आग लगा दी। आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश की गई।
पत्रकार जिया उर रहमान ने प्रकाशित फ़ोटो पर कैप्शन के साथ ट्वीट किया कि कराची चिड़ियाघर का यह एक खेदजनक दृश्य है, जहाँ आने वाले आगंतुक मगरमच्छों पर पान और गुटखे की पीक थूकते हैं। इस दौरान मगरमच्छों के शरीर पर लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं।
13 साल की लड़की से रेप की कोशिश। आबिद, मिंटू, महबूब, चाँद बाबू, जमील और फिरोज इस मामले में जाते हैं जेल। लेकिन जमानत पर बाहर आते हैं। आते ही क्या करते हैं? पीड़िता की माँ को सबके सामने बेरहमी से मारते हैं, इतना कि वो मर जाती हैं।
24 वर्षीय पीड़िता के घर में रात के वक्त मकान मालिक मोहम्मद कलाम 4-5 लोगों के साथ घुस आया और किराया मॉंगने लगा। किराया नहीं मिलने पर पीड़िता के पति को एक कमरे में बंद कर दिया। फिर महिला के साथ बलात्कार किया और उसके गहने छीनकर ले गए।
दिवाकर ने 2015 में मीनू से प्रेम विवाह किया था। दोनों की एक बेटी भी है। दिवाकर को मीनू के चरित्र पर शक था। इसके कारण दोनों के बीच अक्सर लड़ाई होती रहती थी। मंगलवार को बहस के बाद दिवाकर ने मीनू की हत्या कर दी।
इस मामले में कुछ लोगों ने यह दावा किया कि मंदिर में होने वाले अनुष्ठान में बाधा उत्पन्न करने या उन्हें नष्ट करने के लिए ख़ून का उपयोग किया गया। वहीं, पुलिस को जाँच में पता चला कि ख़ून से लिखा गया नाम इलाक़े के एक किशोर लड़के और लड़की का था।