Saturday, May 4, 2024

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कमलनाथ

जेम्स बॉन्ड भी जुड़ेंगे ‘प्रियंका सेना’ से, अत्याधुनिक पिंक गैजेट्स से ‘लैस’ है यह सचल दस्ता

युवाओं के मन में उमड़-घुमड़कर सवाल फूट रहे हैं। जैसे, क्या अब इस पिंक रंग के चलते रणवीर सिंह भी प्रियंका सेना में शामिल होंगे?

कॉन्ग्रेस का ‘हाथ’ नहीं कमलनाथ के साथ! गोहत्या पर चिदंबरम-दिग्विजय का अलग राग

कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कहा था कि गौहत्या कानून के तहत आरोपितों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन रासुका के तहत नहीं।

मृत किसान भी बना दिए गए कर्ज़दार: MP में कर्ज़माफ़ी के नाम पर खेल जारी

सिर्फ़ दतिया जिले में बिना कर्ज़ लिए और दिवंगत हो चुके 5 हजार किसानों का नाम कर्ज़दारों की लिस्ट में शामिल होने की बात सामने आ रही है।

कमलनाथ के मंत्री गोविंद सिंह कदमों में पड़े फ़रियादी को दुत्कार कर आगे बढ़ गए

कमलनाथ सरकार में मंत्री के इस व्यवहार की सोशल मीडिया में जमकर आलोचना हो रही है। इससे पहले भी कई बार गोविंद सिंह ने विवादास्पद बयान दिया है।

MP में ‘नई एंबुलेंस’ यार्ड में खा रही हैं धूल, मरीजों को ठेले पर ले जाना पड़ा अस्पताल

कॉन्ग्रेस सरकार की सुस्ती की वजह से 115 नई एंबुलेंस को उपयोग में नहीं लाया जा सका है। यही वजह है कि लोग अपने परिवार के बीमार मरीज को ठेले पर या गोद में लेकर अस्पताल पहुँच रहे हैं।

8 साल की दुष्कर्म पीड़िता को शिवराज सरकार ने दिया था घर, कॉन्ग्रेस सरकार ने दिया खाली करने का आदेश

घर खाली करने की बात सामने आने के बाद बच्ची के पिता ने कहा कि उन्हें डर है कि अगले शैक्षणिक सत्र में उनके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं ₹4.5 लाख की फीस नहीं दे सकता हूँ।"

गोहत्या मामलों में भाजपा से अच्छा खेल रहे हैं कमलनाथ

15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा सरकार ने गो-माता सम्बन्धी अपराधों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया, वहीं गाय माता के प्रति CM कमलनाथ भाजपा से ज्यादा संवेदनशील हैं और गो हत्या के मामलों पर बिलकुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं दिख रहे हैं।

गोहत्या मामले में MP में कॉन्ग्रेस सरकार आने के बाद नदीम, शकील और आजम पर रासुका

खंडवा के एसपी ने कहा कि खंडवा साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका है, इसलिए आरोपितों पर रासुका लगाना जरूरी था।

MP में कर्ज़माफ़ी का फ़र्जीवाड़ा: किसानों ने दी सामूहिक आत्महत्या की धमकी

रामकुमार सिंह के पिता के नाम पर ₹9,547 का कर्ज़ जबकि उनके नाम पर ₹70,481 का कर्ज़ लिख दिया गया। जबकि उन्होंने चने की फसल के लिए केवल ₹17,000 का कर्ज़ लिया था, उनके पिता ने कोई कर्ज़ नहीं लिया था।

कमलनाथ के कैबिनेट मंत्री ने 3 चुनाव में 3 हलफ़नामे दायर किए, सभी में दी अलग-अलग जानकारी

ऐसे में साफ़ ज़ाहिर है कि मंत्री ने अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़ी जो जानकारी तीन अलग-अलग हलफ़नामें में दी है, वह हर जगह सही नहीं है।

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