Monday, June 17, 2024

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सनातन परंपरा

आदि शंकराचार्य और ‘शंकर दिग्विजय यात्रा’: 4 दिशा-4 मठ, एक भारत-सशक्त भारत का संकल्प

हिन्दू धर्म से विखंडित हुए पंथ, सनातन धर्म को ही चुनौती देने लगे थे। ऐसे में आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करने का बीड़ा उठाया था।

हम्पी के बादावी लिंग मंदिर के पुजारी श्री कृष्ण भट्ट का निधन: 40 साल से 3 मीटर ऊँचे शिवलिंग की करते थे सेवा

हम्पी के बादावी के लिंग मंदिर और श्रीकृष्ण भट्ट की सबसे खास बात यह थी कि भट्ट 3 मीटर ऊँचे शिवलिंग पर चढ़कर उसकी साफ सफाई करते थे और शिवलिंग को भस्म-विभूति अर्पित करते थे।

हिंदू धर्म-अध्यात्म की खोज में स्विट्जरलैंड से भारत पैदल: 18 देश, 6000 km… नंगे पाँव, जहाँ थके वहीं सोए

बेन बाबा का कोई ठिकाना नहीं। जहाँ भी थक जाते हैं, वहीं अपना डेरा जमा लेते हैं। जंगल, फुटपाथ और निर्जन स्थानों पर भी रात बिता चुके।

महाशिवरात्रि: शून्यता के उस शिखर को छू लेने की परमरात्रि जहाँ से उद्घाटित होता है शिव तत्व

आधुनिक विज्ञान ने भी साबित कर दिया है कि सब कुछ शून्य से ही उपजा है और शून्य में ही विलीन हो जाता है। इसी संदर्भ में...

जिससे बच्चे दीवाली की खुशियाँ मनाना न भूलें: 2021 की दीवाली को अद्भुत बनाने के लिए ऑपइंडिया का रोडमैप

हम नहीं चाहते कि त्योहार मनाते समय हिन्दुओं के मन में भय हो। हमारी पूरी कोशिश होगी कि 2021 की दीवाली सबसे अद्भुत और दिव्य हो।

रिलायंस समूह ने कामाख्या मंदिर को भेंट किया 20 किलो सोना, दिवाली तक मुख्य गुम्बद पर चढ़ेगी सोने की परत

दिवाली से पहले रिलायंस कंपनी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कामाख्या देवी मंदिर के गुंबद को सजाने के लिए 20 किलो सोना उपहार स्वरुप दिया है।

BHU आयुर्वेद में ‘गर्भ संस्कार थेरेपी’ से पैदा होंगे ‘अभिमन्यु’: भजन-मंत्र-वेद-पाठ के जरिए होगी महिलाओं की डिलीवरी

गर्भ संस्कार थेरेपी के तहत गर्भवती महिला को अच्छा संगीत, बेहतर साहित्य और प्रेरणादायक चीज़ें दिखाने पर जोर दिया जाएगा। गर्भ पर पड़ने वाले इन चीज़ों के प्रभाव को वैज्ञानिक विधि से देखा और समझा जाएगा।

तुर्की में हिंदी धारावाहिक के प्रसारण के दौरान धुँधली की गई राधा कृष्ण की मूर्ति: सोशल मीडिया पर भड़के लोग

यह दृश्य हिन्दी धारावाहिक ‘साथ निभाना साथिया’ का है जिसे तुर्की भाषा में अनुवाद के बाद ‘मासूम’ नाम दिया गया। इस कार्यक्रम का प्रसारण कनाल 7 नाम के चैनल पर हुआ था।

जिस मजहब का इतिहास 1500 साल से ज्यादा नहीं है, उसके लोग रक्षाबंधन की शुरुआत मुगलों से बता रहे हैं

कथित इतिहासकार रक्षाबंधन को मुगलों से जोड़ रहे। जानिए कितनी प्राचीन है सनातन संस्कृति की ये परंपरा। कैसे और क्यों हुई शुरुआत।

सनातन परंपरा: दलित श्रद्धालु को कंधे पर बिठा ऐतिहासिक श्री लक्ष्मी रंगनाथ स्वामी मंदिर ले गए पुजारी

शोभा यात्रा के दौरान भद्राचलम नरसिंह स्वामी मंदिर के अर्चक (पुजारी) कृष्ण चैतन्य ने श्रद्धेय तिरुप्पनलवार के चित्रण के रूप में वैष्णव नमम को धारण करने वाले रवि को उठा लिया और उन्हें मंदिर तक ले गए।

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