Monday, May 20, 2024

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स्मृति ईरानी

स्मृति ईरानी का हुआ प्रमोशन, संसद में मोदी-शाह के साथ बैठेंगी

विपक्षी दलों की बात की जाए तो लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके लीडर टीआर बालू को भी पहली कतार में स्थान दिया गया है। जेडीयू, तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भी प्रथम पंक्ति में जगह मिली है।

आज़म खान पुरुष सांसदों पर धब्‍बा, उनका शर्मनाक बयान उनके चरित्र का प्रतिबिम्ब: स्‍मृति ईरानी

“आज़म खान द्वारा दिया गया शर्मनाक बयान उनके चरित्र का प्रतिबिंब है; उनका बचाव करके अखिलेश यादव ने भी प्रमाणित कर दिया की उनकी सोच में भी कोई फ़र्क़ नहीं। जो सदन में महिला के साथ निंदनीय व्यवहार कर सकता है वह साधारण महिला से किस प्रकार का व्यवहार करता होगा यह सोचने वाली बात है।”

Video: स्मृति ईरानी ने अपनी ऐंबुलेंस में महिला को पहुँचाया अस्पताल

अमेठी के तिलोई में स्मृति ईरानी ने जन कल्याण योजनाओं की शुरुआत की। अमेठी पहुँचने के साथ ही स्मृति ईरानी बरौलिया पहुँचीं। यहाँ उन्होंने पूर्व ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान स्मृति के साथ गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जिला प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा भी मौजूद थे।

स्मृति ईरानी के करीबी सुरेंद्र सिंह की हत्या का मुख्य आरोपित वसीम गिरफ्तार

जामो थाना क्षेत्र में ही पुलिस और वसीम के बीच भिड़ंत हो गई। जिसमें दोनों ओर से गोलियाँ चली। इस दौरान वसीम के पैर में गोली लगी। जिसके बाद वसीम को घायल अवस्था में पुलिस ने गिरफ्तार करक लिया।

कॉन्ग्रेस ने अमेठी मर्डर केस में फर्जी खबर शेयर की, उप्र पुलिस करेगी कार्रवाई

जाँच अभी चल ही रही थी कि कुछ लोगों द्वारा यह अफवाह फैलाई जाने लगी कि यह हत्या भाजपा के ही किसी कार्यकर्ता द्वारा करवाई गई है।

मृतक सुरेंद्र के बच्चों की जिम्मेदारी स्मृति ईरानी ने ली, अमेठी पहुँच कर अर्थी को दिया कंधा

"पूरी भाजपा और पार्टी के सभी कार्यकर्ता सुरेंद्र के परिवार के साथ हैं। हम चाहते हैं कि परिवार को न्याय मिले। गोली चलाने और चलवाने वालों को मृत्यु दंड दिया जाना चाहिए। आवश्यकता पड़ी तो न्याय के लिए उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएँगे।"

अमेठी में स्मृति ईरानी के करीबी BJP कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या

पुलिस हत्या के पीछे की वजह का पता लगाने में जुटी है, मगर फिलहाल इसके पीछे की वजह चुनावी रंजिश को बताया जा रहा है, क्योंकि सुरेंद्र सिंह अमेठी से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को शिकस्त देने वाली भाजपा नेता स्मृति इरानी के बेहद खास थे और स्मृति ईरानी के प्रचार में वो काफी सक्रियता से जुटे थे।

नकली गाँधी परिवार के चिराग की हार के वो कारण, जिसके बचाव में उतरा लिबरल मीडिया गिरोह

यह कहना ग़लत नहीं होगा कि राहुल गाँधी हमेशा इसी फ़िराक में रहे कि मोदी कब कोई चूक करें और फिर उन्हें मुद्दा बनाकर जनता के समक्ष उनकी छवि को धूमिल किया जा सके।

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प्रियंका गाँधी अक्सर ईरानी पर यह आरोप लगाती थी कि वो एक बाहरी व्यक्ति हैं और उन्हें अमेठी के मतदाताओं की कोई परवाह नहीं है। उनके इन बेबुनियादी आरोपों का जवाब, राहुल को न चुनकर स्मृति को चुनकर जनता ने ख़ुद ही दे दिया।

राहुल गाँधी तो अमेठी से हार गए, क्या सिद्धू लेंगे राजनीति से सन्यास?

तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो चुकी है और स्मृति ईरानी को हर जगह से जीत की बधाइयाँ मिल रही हैं, और राहुल गाँधी खुद अपनी हार स्वीकार चुके हैं तो सोशल मीडिया यूजर्स सिद्धू से उनसे इस्तीफे की माँग कर रहे हैं।

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