अभिषेक मनु सिंघवी ने आरफा पर आक्षेप करते हुए जवाब दिया है। सिंघवी ने जोर देकर कहा कि उनके जैसे प्रभावशाली लोगों के प्रत्यावर्ती और पुरातन (पुराने)आदर्शों का समर्थन करने की वजह से ही देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पिछड़ी बनी रहेगी।
इस्तीफा देने के बाद अल्पेश ठाकोर ने कहा, “मैंने राहुल गाँधी पर भरोसा करके कॉन्ग्रेस पार्टी ज्वॉइन किया था, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं किया। हमें बार-बार अपमानित किया गया, इसलिए मैंने कॉन्ग्रेस विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।”
बेटे के इस व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा , "हाइवे के लिए प्रदर्शन ठीक है, लेकिन हिंसा पूरी तरह गलत है।" उन्होंने कहा, "यदि एक पिता बगैर गलती के माफी मांग सकता है तो बेटे को माफी मांगनी पड़ेगी।"
"जिस देश में गाँधी विचारधारा का नेतृत्व करने वाले नेता को लोग अनसुना एवं अनदेखा कर दें, उस देश में जीने का कोई मतलब नहीं रह जाता है। मुझे देश की न्याय प्रणाली पर विश्वास है और इच्छा मृत्यु की अनुमति चाहिए।"
वीडियो में देखा जा सकता है कि नीतेश इंजीनियर को धमका रहे हैं और इसी दौरान उनके समर्थक बाल्टी भर कीचड़ इंजीनियर पर उड़ेल देते हैं। इसके बाद भी उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो एक नदी पर बने पुल की रेलिंग में इन लोगों ने इंजीनियर को बाँध दिया।
“लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस पार्टी की हार और संगठनात्मक कमज़ोरी के लिए हम पदाधिकारीगण उत्तरदायी हैं। असम में पार्टी द्वारा अपेक्षित स्तर का प्रदर्शन न कर पाने के लिए प्रभारी के रूप में मैं उत्तरदायी हूँ। मैंने अपनी कमी को स्वीकारते हुए अपने महामंत्री के पद से पूर्व में ही त्यागपत्र दे दिया है।”
आरएसएस से जुड़ा मानहानि का यह मामला सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से संबंधित है। राहुल गाँधी ने 2017 में गौरी लंकेश की हत्या को RSS की विचारधारा से जुड़ा और प्रभावित बताया था। इसी मामले में उन पर यह केस दर्ज हुआ था।
कॉन्ग्रेस ने अपने विधायकों से कहा है कि वे चुनाव खत्म होने तक सीएम विजय रुपानी, उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल या किसी अन्य मंत्री से न मिलें, भले ही जनता का ही कोई काम क्यों न हो। अगस्त 2017 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भी कॉन्ग्रेस ने अपने विधायकों को बंगलोर के एक रिसोर्ट में ठहराया था।
''वाह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी! छत्तीसगढ़ के मान-सम्मान का प्रतीक है दुपट्टा-पगड़ी, लेकिन जन चौपाल में आपसे मिलने आए लोगों की शिकायतें सुनने से पहले उनके गमछे-पगड़ी को सीएम हाऊस में उतरवाकर यूँ टाँग दिया! दुपट्टा-पगड़ी से भी आपकी सुरक्षा को खतरा है क्या?''
"अगर वित्तीय संसाधनों पर किसी पार्टी विशेष का एकछत्र कब्ज़ा हो तो कोई चुनाव निष्पक्ष हो ही नहीं सकता। अब भारत में सभी सरकारी संगठन न्यूट्रल नहीं रहे हैं और हमारी लड़ाई सबके ख़िलाफ़ थी। RSS सभी संगठनों पर कब्ज़ा करने में सफल हो गया है।"