कर्नाटक कॉन्ग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहाँ सियासी उठापटक तेज हो गई है। ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमिटी (AICC) ने कर्नाटक की प्रदेश कमिटी को भंग करने का फैसला किया है। हालाँकि आश्चर्यजनक रूप से प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष...
कर्नाटक में मुस्लिमों के बीच जाना-पहचाना चेहरा रौशन बेग का नाम एक पोंज़ी स्कीम से जुड़ा है, जिसकी जाँच एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम कर रही है और शिकायतकर्ता निवेशकों की संख्या 38,000 पार हो चुकी है।
पश्चिम बंगाल प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रहे चौधरी केंद्र की मनमोहन सरकार में रेल राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। 63 वर्षीय चौधरी 1999 में पहली बार बहरामपुर से सांसद चुने गए थे और उस समय से अभी तक वे लगातार इसी सीट से जीतते रहे हैं।
स्थानीय मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि कॉन्ग्रेस का कोई भविष्य नहीं है, और भाजपा ही केसीआर के नेतृत्व वाली टीआरएस को चुनौती देने की क्षमता रखती है।
कोडिरुन्निल द्वारा लोकसभा में हिंदी में शपथ लेने से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी खासा नाराज हो गईं। सोनिया ने इसके लिए सांसद को डांट भी लगाई कि उन्होंने मलयालम की जगह हिंदी में शपथ क्यों ली। इसके बाद सोनिया ने केरल के अन्य सांसदों को मलयालम में शपथ लेने के लिए कहा।
कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद सदन में नेता चुनने को लेकर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में, शायद पार्टी को अब फिर से सोनिया पर ही भरोसा है और इसीलिए कार्यकर्ता उनमें जबरदस्ती 'झाँसी की रानी' को देखने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने 14 जून को ज़िला कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े को पत्र लिखकर रविवार (16 जून) को दोपहर में 2.11 मिनट पर जल समाधि की अनुमति माँगी थी। इसकी अनुमति न देते हुए भोपाल कलेक्टर ने उनकी सुरक्षा करने को कहा, जिससे बाबा की जानमाल को कोई हानि न पहुँच सके।
हैरान करने वाली बात ये है कि जो कॉन्ग्रेस सरकार कुछ दिन पहले तक सीएम योगी पर टिप्पणी करने पर गिरफ्तार हुए पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी, वो आज खुद पर उँगली उठने पर इतना क्यों बौखला गए हैं?