दारोगा सचिन कुमार ने कोर्ट में ही रिमांड प्रपत्र और केस डायरी जज अभिषेक त्रिपाठी के सामने फेंक दी। दारोगा ने कहा, "यह कागज आप ही रख लें। हम आरोपितों को ले जा रहे हैं।"
सचिन का आरोप है कि मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी ने बार-बार उन्हें अपने केबिन में बुला कर अभद्रता की और मुस्लिमों को फर्जी तौर पर गिरफ्तार करने की बात कही।
ऑपइंडिया से बात करते हुए अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पूछा कि पुलिस ने FIR में 304 की जगह कमजोर धारा 304A क्यों लगाई? उन्होंने कहा कि इस मामले में गलत संदेश गया है, अगर भीड़ ने न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने की बजाए खुद हिंसा करना शुरू कर दिया तो ये ठीक नहीं होगा।