अतुल खत्री ने ट्वीट किया, "मोदी जी ट्रंप को जो तीन शहर- दिल्ली, अहमदाबाद, आगरा दिखाएँगे, उन्हें मुगलों ने बसाया था।" सच्चाई यह है कि इन शहरों का विध्वंस कर उसकी खंडहरों पर मुगलों ने इमारतें खड़ी की थी। यूजर्स ने इस इतिहास से खत्री को रूबरू कराने में देरी नहीं की।
यहाँ डिफेंड मत कीजिए, सवाल पूछिए और बार-बार पूछिए कि वो कहाँ से आए थे? सवाल पूछिए कि जब उसके हाथ में वॉलेट था तो उसने सारे सोशल मीडिया अकाउंट डीएक्टिवेट क्यों कर लिए? सवाल पूछिए कि पत्थर क्या आसमान से गिरे थे पुलिस पर?
यह पहली बार नहीं है, या फिर इस प्रकार की रिपोर्टिंग करने वालों में बीबीसी ही अकेला नहीं है। बीबीसी की ही तर्ज पर दी लल्लनटॉप एक साल पहले इस तरह की रिपोर्ट शेयर कर चुका है। वैसे लल्लनटॉप एक बार हिटलर का लिंग भी नाप चुका है।
मुंबई पुलिस ने आरोपित उर्वशी चूड़ावला की माँ को बुलाकर पूछताछ की। उर्वशी की माँ ने अपनी बेटी की गलती स्वीकारते हुए कहा कि उनकी बेटी को बहकाया गया है। उर्वशी पर मुंबई के आजाद मैदान में "शरजील तेरे सपनों को हम मंजिल तक पहुँचाएंगे" जैसे नारे लगाने का आरोप है।
सत्यान्वेषी पत्रकार रवीश कालजयी मुस्कान लेकर जरा देर से अपने प्राइम टाइम में आए लेकिन इससे पहले ही उनकी घातक टुकड़ियों के सिपहसालार ध्रुव राठी से लेकर शेहला रशीद और स्वरा भास्कर ट्विटर पर गोडसे और गो** में तालमेल बैठाते नजर आए।
कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए लिखा है- "मुझे अर्णब का नंबर मिला, मैं अभी भी उन्हें डिबेट करने के लिए पूछ रहा हूँ लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे हैं।" इसी ट्वीट में रिपब्लिक न्यूज़ चैनल को टैग करते हुए कामरा ने लिखा है क्या उनके एडिटर कायर हैं या राष्ट्रवादी?
हाल ही में न्यूज़ नेशन के संपादक दीपक चौरसिया पर शाहीन बाग़ में हुए हमले के बाद दिल्ली में ही प्रदर्शनकारियों ने ज़ी न्यूज़ के पत्रकारों पर हमला कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने बैरकेडिंग तोड़कर पत्रकारों को घेरकर पीटा, यही नहीं उन्हें लात-घूँसे मारे गए।
नीरज प्रजापति JNU से नहीं थे, वो मूर्तियाँ बनाते थे और उसी से अपने घर का पेट पालते थे। लेकिन मृतक नीरज का परिवार आज भी आतंकवादी अफजल गुरु की यादों में खून रोने वाली मीडिया और लिबरल गिरोह की संवेदनाओं के इन्तजार में है।
मैनफोर्स ने ट्विटर पर एक पोस्टर शेयर करते हुए दिखाया है कि 'कमरा' और 'कामरा' के लिए किस तरह से सुरक्षा अपनाई जानी चाहिए। ज्ञात हो कि कंडोम का प्रयोग यौन रोगों से बचाव के लिए भी आवश्यक होता है।
टिकट बुकिंग के दौरान उपभोक्ता को कुणाल कमरा के दो सस्ते एवं निहायत ही घटिया (मतलब कामरा का कोई भी) चुटकुले सुनाए जाएँगे, इसके बाद यदि उपभोक्ता टिकट खिड़की पर हँसते हुए पाया जाता है, तो उसके लिए कुणाल कमरा की इस विमान सेवा में 6 महीने की समयावधि के लिए मुफ्त सफर घोषित किया जाएगा।