Saturday, April 20, 2024

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मेजर ध्यानचंद के नाम पर जो पुरस्कार है, उसका क्या… उसका नाम नेता के नाम पर रख दोगे? रवीश कुमार का सवाल

राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया गया। रवीश कुमार दुखी हो गए। इतने दुखी कि पूरी प्राइम टाइम ही कर डाली।

पेगासस: ‘खोजी’ पत्रकारिता का भ्रमजाल, जबरन बयानबाजी और ‘टाइमिंग’- देश के खिलाफ हर मसाले का प्रयोग

दुनिया भर में कुल जमा 23 स्मार्टफोन में 'संभावित निगरानी' को लेकर ऐसा बड़ा हल्ला मचा दिया गया है, मानो 50 देशों की सरकारें पेगासस के ज़रिए बड़े पैमाने पर अपने नागरिकों की साइबर जासूसी में लगी हों।

जिस भास्कर में स्टाफ मर्जी से ‘सूसू-पॉटी’ नहीं कर सकते, वहाँ ‘पाठकों की मर्जी’ कॉर्पोरेट शब्दों की चाशनी है बस

"भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी" - इस वाक्य में ईमानदारी नहीं है। पाठक निरीह है, शब्दों का अफीम देकर उसे मानसिक तौर पर निर्जीव मत बनाइए।

पेगासस के विरोध में सैकड़ों कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया नंग-धड़ंग प्रदर्शन, उड़ाई COVID मानदंडों की धज्जियाँ: देखें वीडियो

कथित फोन टैपिंग मामले को लेकर सोमवार को 'युवा नेता' श्रीनिवास बीवी के नेतृत्व में सैकड़ों कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।

’24 घंटे में डिलीट करो सारे ट्वीट’ – साकेत गोखले को दिल्‍ली HC का आदेश, लक्ष्मी पुरी मामले में चलेगा मानहानि का मुकदमा

साकेत गोखले ने ट्वीट करके लक्ष्मी पुरी के द्वारा स्विट्जरलैंड में संपत्ति खरीदने का हवाला दिया था। उन्होंने लक्ष्मी पुरी के साथ-साथ...

इना-मीना-डीका, सबा-राना-ज़ुबैर झूठा, रवीश कुमार छींका-अरफा चुप्पा; क्योंकि FIR ही आज की सच्चाई है

FIR क्या हुई। आपस में ही उलझ गए जुबैर, राना और सबा। आखिर में तय हुआ रवीश के पास चलने का जो अरफा के साथ बैठे थे। फिर क्या हुआ?

जैसे-जैसे फूटा लेफ्ट-कॉन्ग्रेस-इस्लामी इकोसिस्टम का बुलबुला, वैसे-वैसे बढ़ता गया ‘जय श्रीराम’ पर प्रोपेगेंडा 

कम्युनिस्ट-कॉन्ग्रेस-मीडिया-बुद्धिजीवियों के गठबंधन को पहली चोट जय श्रीराम से ही लगी थी। मोदी के उदय ने इसे और गहरा कर दिया।

PM मोदी के अंडर काम करने वाला IAS, दूरदर्शन/प्रसार भारती का था CEO… अब प्रधानमंत्री की फेक फोटो से फैला रहा झूठ

प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार ने पीएम मोदी की फेक तस्वीर शेयर कर फैलाया झूठ, जबकि असली तस्वीर छिपा ली

मैं चाहे जो लिखूँ-बोलूँ, मेरी मर्जी: बालसुलभ तर्कों से लैस इतिहास्य-कार, आरफा खानुम महज झाँकी है

औरंगज़ेब ने भले दर्जनों मंदिर तुड़वाए, लेकिन इतिहासकार चाहे तो अपने इतिहास की कार चढ़ा उसे कुचल दे और साबित कर दे कि वह तो बड़ा शालीन शासक था।

हिंदू-मुस्लिम एंगल देकर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रोकने की साजिश: विधायक, कलाकर, मीडिया… सब इस खेल में शामिल

"मौजूदा संसद भवन और राजपथ दुनिया की इस्लाम प्रभावित सबसे महत्वपूर्ण निशानी... मोदी भारत की सभी इस्लामिक इमारतों और 20 करोड़ मुसलमानों को नेस्तनाबूद करने से कम कुछ भी नहीं चाहते।"

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