तब इन्हीं कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने खैरा के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा था कि वो पंजाब के इतिहास और अपने बयान के दुष्परिणामों की समझ से दूर 'ड्रामा' कर रहे हैं।
कैप्टेन ने 2017 में जबरन अपना नाम बतौर CM उम्मीदवार घोषित कराया। सिद्धू ने सोनिया गाँधी के पाँव छुए थे। अब दोनों की लड़ाई में किसान एंगल भी आ रहा है। आलाकमान किधर है, वक़्त बताएगा।
यह कैसी राजनीति है? पंजाब की सरकार दिल्ली में किसानों के धरने को पूरा समर्थन देती हैं पर पंजाब में उनके धरने को संक्रमण फैलाने का साधन बताती हैं? दिल्ली में किसानों के धरने को दिल्ली सरकार का पूरा समर्थन है।
किसान संगठन पंजाब सरकार द्वारा कोरोना के प्रबंधन में विफल रहने के विरोध में रैली निकालना चाहता है। ये विरोध प्रदर्शन पटियाला से आरम्भ होगा, CM अमरिंदर का चुनावी क्षेत्र है।