बिहार में लालू-राबड़ी युग के जंगलराज की एक से बढ़ कर एक कहानियाँ हैं। इनमें से एक है छपरा जेल काण्ड। जी हाँ, जेल में रहने वाले कैदियों ने ही जेल पर कब्जा कर लिया था।
"शुभम बाहर निकल आज तुझे नहीं छोड़ेगें! वह लोग उन्हें पिस्टल दिखाने लगे। उन्होंने हालात बिगड़ता देख थाना प्रभारी को फोन किया और कहा, "सर प्लीज बचाइए। अब हम लोग नहीं बचेंगे।"
बिहार के चुनावी आग की गर्मी इतनी तेज होती है कि बिहार से दिल्ली तक कुछ भी सुलग सकता है। अगर संभावनाओं की बात करें तो इससे किसी 'दलित' का झोंपड़ा जल सकता है और इलाके के तथाकथित सवर्णों पर आग लगाने का इल्जाम भी थोपा जा सकता है।
भाजपा मंडल उपाध्यक्ष राजेश कुमार झा सुबह बेउर थाना क्षेत्र के अंतर्गत तेज प्रताप नगर में अपने घर के नज़दीक टहलने के लिए निकले थे, तभी दो पहिया वाहन सवार नकाबपोश अपराधी उनके नज़दीक आए और उनकी कनपटी पर गोली मार दी।
रवीश के लिए लॉकडाउन करो तो समस्या है, नहीं करो तो समस्या है। रवीश ने नवंबर 2019 से लेकर सितंबर के तीसरे सप्ताह तक बिहार के बारे के बारे में कुछ नहीं बोला।