बेंगलुरु में दो नए केस मिलने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या 151 हो गई है। इनमें 25 विदेशी हैं। भारत में कोरोना वायरस के कारण अब तक तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके साथ ही भारतीय सेना का एक जवान भी कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है।
भारत में 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाईजेशन' के प्रतिनिधि हक बेकेडम ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरों से निपटने के लिए भारत सरकार और ख़ासकर प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिबद्धता असाधारण किस्म की रही है। उन्होंने भारत के प्रयासों को प्रभावशाली करार दिया।
+91-11-23978046 पर कॉल कर के आप कोरोना वायरस से सम्बंधित किसी भी प्रकार की सूचना ले या दे सकते हैं, मदद माँग सकते हैं। सारे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर की सूची प्रदान की गई है। ईमेल आईडी [email protected] पर आप मेल कर के कोरोना सम्बंधित मदद ले सकते हैं।
गिरफ़्तार अहमद सिद्दीकी ख़ुद को 'कोरोना वाले बाबा' बताता था और साथ ही दावा करता था कि वो ताबीज से उन लोगों को कोरोना वायरस से बचाने का माध्यम दे सकता है, जिन्होंने मास्क नहीं पहना हो। उसके दावे मेडिकल की दुनिया और वैज्ञानिक तर्कों को हवा-हवाई बताते करते हुए अन्धविश्वास फैला रहे थे।
सार्क में भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और अफगानिस्तान शामिल हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने विडियो कॉन्फ्रेंस का प्रस्ताव दिया था। इसको लेकर सार्क देशों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई थी।
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण से मौत होने पर ऐसा कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। सरकार अब इन रुपयों का इस्तेमाल क्वारंटाइन (इलाज), सैम्पल कलेक्शन और स्क्रीनिंग के लिए करेगी। अब एसडीआरएफ फंड का ही इस्तेमाल कोरोना से संक्रमित लोगों के लिहाज के लिए ज़रूरी उपकरण व सामान ख़रीदने हेतु भी किए जाएँगे।
उस समय दुनिया आज की तरह ग्लोबल नहीं थी। फिर भी उस वायरस को दुनिया को अपनी चपेट में लेते वक्त नहीं लगा। उस समय दुनिया का हर चौथा शख्स इससे प्रभावित था। मृतकों में से आधे से ज्यादा 20 से 30 की उम्र के थे।
मोहम्मद हुसैन की मौत मंगलवार को हुई थी। गुरुवार को उनके कोरोना वायरस से भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई। उन्हें हाई ब्लडप्रेशर और अस्थमा जैसी अन्य शिकायतें भी थी। अब यह पता लगाया जा रहा है कि वे कितने लोगों के संपर्क में आए थे।
WHO ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। अमेरिका ने भी यूरोप से आवाजाही पर 1 महीने के लिए रोक लगा दी है। इटली में सारी दुकानों पर ही ताले जड़ दिए गए हैं।
दीपा ने कहा कि उन्होंने भगवान को तो नहीं देखा है, लेकिन मोदी को देखा है। उनके अनुसार पहले जब वो दवाएँ खरीदती थीं तो 5000 रुपए से भी अधिक ख़र्च हो जाते थे। अब मात्र 1500 रुपए प्रतिमाह में उनकी दवाओं का ख़र्च निकल आता है।