Friday, May 10, 2024
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‘काहे नाराज़ हैं सर?’: पत्रकारों को देखते झुक कर प्रणाम करने और आरती उतारने लगे CM नीतीश कुमार, ‘पानी जाता है’ वाले बयान के बाद मीडिया से बनाई दूरी

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक कार्यक्रम में पहुँचे थे। यहाँ से जब वो बाहर निकल रहे थे, तो पत्रकारों ने उन्हें आवाज लगाई। नीतीश कुमार ने सभी को किनारे कर दिया और पत्रकारों के आगे हाथ जोड़ लिया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार चर्चा में हैं। कभी सदन के भीतर महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के मामले में, तो कभी जीतन राम माँझी पर गलतबयानी के मामले में। राजनीतिक मामलों में तो वो हमेशा सुर्खियाँ बटोरते रहे हैं, लेकिन कुछ दिनों से गैर-राजनीतिक कामों के चलते चर्चा बटोर रहे हैं। इस बार नीतीश कुमार का ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो पत्रकारों से हाथ जोड़ते और उन्हें प्रतीकात्मक आरती करते दिख रहे हैं।

मीडिया को अवॉइड कर रहे हैं नीतीश कुमार?

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक कार्यक्रम में पहुँचे थे। यहाँ से जब वो बाहर निकल रहे थे, तो पत्रकारों ने उन्हें आवाज लगाई। नीतीश कुमार ने सभी को किनारे कर दिया और पत्रकारों के आगे हाथ जोड़ लिया। इसके बाद वो प्रतीकात्मक तौर पर पत्रकारों की आरती भी उतारने लगे। उन्होंने अपने मुँह से एक शब्द भी नहीं कहा। इसके बाद न तो वो रुके और न ही नीतीश कुमार के डिप्टी तेजस्वी यादव ही रुके। पत्रकारों ने कुछ देर इंतजार किया, फिर वो भी आगे बढ़ गए।

वरिष्ठ पत्रकार राजन सिंह ने इसे नीतीश कुमार की नौटंकी करार दिया है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, “बिहार के सीएम #नीतीशकुमार की नौटंकी! जब पत्रकार ने पूछा : काहे नाराज हैं सर? तो सुशासन बाबू ने नीचे झुक कर हाथ जोड़ना शुरू कर दिया… ऐसे प्रणाम कौन करता है भाई…? @yadavtejashwi ने भी मीडिया की अनदेखी की…”

इन्हीं नीतीश कुमार ने पत्रकारों को आजादी देने की कही थी बात

बता दें कि इंडी गठबंधन के ऐलान के दौरान नीतीश कुमार ने खूब दम भरा था और कहा था कि आप लोगों (मीडिया वालों) को भी इंडी गठबंधन के राज में सवाल पूछने की आजादी मिलेगी। वो बहुत दूर के भविष्य की बात कर रहे थे शायद, क्योंकि विधानसभा की गैलरी हो या कोई और जगह, वो मीडिया वालों को डिक्टेट ही करते दिखते हैं। वहीं, इंडी गठबंधन ने जब कुछ पत्रकारों का बहिष्कार किया था, तब भी नीतीश कुमार ने कहा था कि वो पत्रकारों का समर्थन करते हैं। उनका बहिष्कार करना गलत बात है। हालाँकि उनकी अब की हरकतें कुछ और ही कह रही हैं।

आजादी की जगह डिक्टेट करते दिखे हैं नीतीश कुमार

कुछ दिन पहले ही वो विधानसभा में अपने पूर्व साथी जीतन राम माँझी को जब बेइज्जत कर रहे थे, तब भी उन्होंने मीडिया को डिक्टेट करने की कोशिश की थी और कहा था कि आप लोग (मीडिया वाले) इसे फालतू ही जगह देते हैं। इसे कुछ नहीं आता। नीतीश कुमार ने पत्रकारों की तरफ इशारा करके कहा कि वो मांझी को भाव ना दिया करें। नीतीश कुमार बोले, “आप बिना मतलब के इसको (मांझी) को रोज पब्लिश करते हो। कोई सेंस है इसमें?”

इसके अलावा भी कई बार विधानसभा से लेकर अन्य जगहों पर मीडिया को राय देते दिखे हैं। वहीं, माँझी ने कुछ समय पहले आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार को धीमा जहर दिया जा रहा है, इसीलिए वो ऊल-जलूल हरकतें कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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