Sunday, December 22, 2024
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‘कॉन्ट्रैक्ट टू किल’ : आतंकी निज्जर की हत्या पर बनी डॉक्यूमेंट्री इंडिया में ब्लॉक, Youtube और X ने मानी भारत सरकार की बात

सीबीसी ने अपनी डॉक्यूमेंट्री हटाए जाने पर बताया कि उन्हें इससे पहले यूट्यूब ने उन्हें बताया है कि उनको मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी ने निर्देश दिए थे कि साइट से वो वीडियो ब्लॉक की जाए। इसके बाद ये कंटेंट इंडिया से ब्लॉक कर दिया गया।

भारत के खिलाफ झूठ फैलाने वाली डॉक्यूमेंट्री को यूट्यूब द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर आधारित यह डॉक्यूमेंट्री भारत सरकार के कहने पर यूट्यूब ने ब्लॉक की। इसे कनाडा सरकार द्वारा फंड पाने वाले ब्रॉडकॉस्टर सीबीसी न्यूज ने रिलीज किया था। इसमें कोलंबिया में 18 जून 2023 को हुई निज्जर की हत्या से जुड़ी जानकारी दिखाई गई थी। डॉक्यूमेंट्री में खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी इंटरव्यू है। इस डॉक्यूमेंट्री का टाइटल रखा गया था ‘कॉन्ट्रैक्ट टू किल।’

सीबीसी न्यूज ने अपनी डॉक्यूमेंट्री हटाए जाने पर कहा कि उन्हें यूट्यूब से पता चला है कि उनको भारत के मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी ने निर्देश दिए थे कि साइट से वो वीडियो ब्लॉक की जाए। इसके बाद ये कंटेंट इंडिया से ब्लॉक कर दिया गया। सीबीसी का दावा है कि उनका कंटेंट हटाने के लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) को भी कहा गया था। कुछ रिपोर्ट्स बता रही हैं कि एक्स से भी वीडियो को हटा दिया गया है।

सीबीसी ने कहा है कि वो इस कार्रवाई से असंतुष्ट हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए वीडियो भारत में चलनी देनी चाहिए। वह बोले कि वो इस संबंध में वो भारत सरकार से भी बात कर रहे हैं। उन्होंने अपनी डॉक्यूमेंट्री को वरिष्ठ पत्रकारों और एडिटोरियल समझ रखने वाले नेतृत्व से चर्चा करके और काफी रिसर्च के साथ बनाई है। उनके हिसाब से इसे हटाना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि उन्होंने वीडियो ‘द फिफ्थ एस्टेट’ द्वारा प्राप्त किया था और एक से अधिक स्रोतों द्वारा स्वतंत्र रूप से वेरीफाई भी किया था।

डॉक्यूमेंट्री में आखिर है क्या

डॉक्यूमेंट्री में शामिल वीडियो में दिखाया जा रहा था कि गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष निज्जर 18 जून 2023 को अपनी गाड़ी में बैठ पार्किंग से निकला। लेकिन बाहर उसे एक सफेद सेडान मिली। गाड़ी रुकते ही दो आदमी दौड़ते हुए आए और निज्जर को गोली मार गए। इसके बाज डॉक्यूमेंट्री में दो चश्मदीदों का भी जिक्र है जो बता रहे हैं कि उन्होंने हत्या करने वालों को भागते देखा। एक ने बताया कि उसने निज्जर को कैसे बचाने के लिए प्रयास किए वहीं दूसरे ने हत्यारों के भागने पर उनपर पीछा किया।

आरोप लगाकर हुई कनाडा की फजीहत

बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा ने पिछले साल भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन कनाडा के सवालों का जवाब देते हुए भारत ने कहा कि ये दावे बेतुके और प्रेरित थे। विदेश मंत्रालय ने भी कहा था कि कनाडा से हत्या में भारत की संलिप्ता के सबूत माँगने के बावजूद वो कोई सबूत नहीं पेश कर पाए जिसके कारण उन्हें काफी फजीहत भी झेलनी पड़ी। अभी हाल में न्यूजीलैंड के उप प्रधानमंत्री विंस्टन पीटर्स ने खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के दावे पर संदेह जताया था जबकि कनाडा और न्यूजीलैंड तो फ़ाइव-आइज़ ख़ुफ़िया गठबंधन के सदस्यों में साथ हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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