Sunday, September 29, 2024
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नाम- हिंदुत्व वॉच, काम- हिंदू घृणा फैलाना, चलाने वाला- रकीब अहमद… भारत में कार्रवाई हुई तो बुरा मान गया एलन मस्क का X, हाई कोर्ट से कहा- सरकारी निर्देश अनुचित

एक्स ने कहा कि उसने इस नोटिस पर आपत्ति जताई है और दावा किया है कि ‘हिंदुत्ववॉचइन’ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (आईटी अधिनियम) की धारा 69A के तहत निर्दिष्ट आधारों के अंतर्गत नहीं आता है और MeitY ने बिना किसी आधार के पोस्ट को भड़काऊ बताया है। एक्स की आपत्ति को MeitY ने खारिज कर दिया। एक्स की आपत्ति के बावजूद MeitY ने एक ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी किया।

दिग्गज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि स्वयंभू घृणा अपराध (Hate Crime) ट्रैकर ‘हिंदुत्व वॉच’ के अकाउंट को ब्लॉक करने का भारत सरकार का फैसला अनुचित था। दरअसल, कश्मीरी पत्रकार रकीब हमीद द्वारा संचालित इस X अकाउंट को बंद करने पर उसने कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। इसके बाद कोर्ट को दिए गए जवाब में X ने यह बात कही है।

कोर्ट को सौंपे गए जवाब में एक्स ने कहा कि अगर कोर्ट आदेश दे तो वह हिंदुत्व वॉच (@HindutvaWatchIn) अकाउंट को बहाल करने के लिए तैयार है। हालाँकि, उसने यह भी कहा कि रकीब हमीद की रिट याचिका एक्स के खिलाफ विचारणीय नहीं है, क्योंकि यह प्लेटफॉर्म महज एक मध्यस्थ है और संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत ‘राज्य’ का हिस्सा नहीं है।

सारा दोष सरकार पर डालते हुए एक्स ने कहा, “यह स्वीकार किया जाता है कि प्रतिवादी नंबर 1 (भारत सरकार) द्वारा याचिकाकर्ता (हिंदुत्व वॉच के संस्थापक रकीब हमीद) के संपूर्ण सोशल मीडिया अकाउंट को कुछ कथित आपत्तिजनक पोस्ट के आधार पर ब्लॉक करना आईटी अधिनियम की धारा 69ए के विपरीत है, अनुचित है और संविधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत निर्धारित सीमाओं को पार करता है।”

उसने आगे कहा, “कम अधिकार-उल्लंघन वाले दृष्टिकोण में कानून का उल्लंघन पाए जाने पर उस पोस्ट को हटाना शामिल होता है। प्रारंभिक आपत्तियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, उत्तर देने वाला प्रतिवादी (एक्स) याचिकाकर्ता के अकाउंट को बहाल करने के उसके अनुरोध का विरोध नहीं करता है। यदि कोर्ट अकाउंट बहाल करने के लिए कहे तो वह इस आदेश का पालन करेगा।”

एक्स ने बताया कि जनवरी 2024 में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने एक नोटिस जारी किया था। इसमें कई सोशल मीडिया अकाउंट के नाम थे, जिन्हें सरकार ब्लॉक करना चाहती थी। इन सभी सोशल मीडिया अकाउंट द्वारा हिंसा भड़काने और सार्वजनिक कानून को बाधित करने अंदेशा था। इस सूची में @HindutvaWatchIn भी शामिल था।

एक्स ने कहा कि उसने इस नोटिस पर आपत्ति जताई है और दावा किया है कि ‘हिंदुत्ववॉचइन’ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 (आईटी अधिनियम) की धारा 69A के तहत निर्दिष्ट आधारों के अंतर्गत नहीं आता है और MeitY ने बिना किसी आधार के पोस्ट को भड़काऊ बताया है। एक्स की आपत्ति को MeitY ने खारिज कर दिया। एक्स की आपत्ति के बावजूद MeitY ने एक ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी किया।

इसमें ‘एक्स’ को हिंदुत्ववॉचइन को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया। एक्स ने आपत्ति पत्र के साथ जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि ब्लॉकिंग ऑर्डर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) और आईटी अधिनियम की धारा 69 ए का उल्लंघन है। एक्स ने मंत्रालय से समीक्षा समिति की सुनवाई के लिए अनुरोध किया, लेकिन MeitY ने कोई जवाब नहीं दिया।

आखिरकार X ने एक्स ने हिंदुत्व वॉच के खाते को ब्लॉक कर दिया। जब हमीद (खाताधारक) ने इसको लेकर X से सवाल किया तो उसने हमीद को बताया कि यह कार्रवाई कानूनी माँग के की जा रही है। एक्स ने यह भी कहा कि वह हमीद को और जानकारी नहीं दे सकता, क्योंकि MeitY ने एक्स को ब्लॉकिंग आदेश की सामग्री को गोपनीय रखने का निर्देश दिया था।

एक्स अकाउंट ब्लॉकिंग आदेश को इसके संस्थापक रकीब हमीद ने अप्रैल 2024 में दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 3 अक्टूबर 2024 को होगी। रकीब हमीद का दावा है कि उसका X अकाउंट ‘हिंदुत्व वॉच’ एक शोध पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमलों की रिपोर्ट की निगरानी करना है। हालाँकि, यह हैंडल हिंदुओं के खिलाफ घृणा फैलाने के लिए कुख्यात रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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