Friday, October 18, 2024
Homeबड़ी ख़बर'गरीब जब रात को जागेगा तो क्या करेगा? बच्चे ही पैदा करेगा न?': जनसंख्या...

‘गरीब जब रात को जागेगा तो क्या करेगा? बच्चे ही पैदा करेगा न?’: जनसंख्या पर बोले मौलाना बदरुद्दीन – गरीबों को TV दो

"गरीब जब रात को उठेगा... मियाँ-बीवी हैं... दोनों जवान हैं... तो फिर रात को क्या करेंगे? वो बच्चे ही तो पैदा करेंगे। बिजली नहीं है। टेलीविजन नहीं है... अब इंसान हैं वो भी।"

असम में कॉन्ग्रेस के गठबंधन में मौलाना बदरुद्दीन अजमल इस विधानसभा चुनाव में ‘किंगमेकर’ बन कर उभरने के ख्वाब देख रहे हैं। अब उन्होंने जनसंख्या बढ़ने व इसके नियंत्रण को लेकर अपनी ‘महत्वपूर्ण’ राय दी है। उन्होंने कहा कि इसका एक ही समाधान है और वो है ‘तालीम’ अर्थात शिक्षा, क्योंकि जब वो पढ़-लिख लेंगे तो खुद अपने अच्छे-बुरे को समझेंगे। अजमल ने कहा कि गरीबी बहुत बड़ी समस्या है और इसे दूर किए बिना जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो पाएगा।

बदरुद्दीन अजमल ने पूछा कि गरीबों को उनके मनोरंजन के लिए क्या दिया गया है? उन्होंने कहा कि इन गरीबों के पास देखने के लिए टेलीविजन नहीं है, रहने के लिए घर नहीं है और हवा के लिए पंखा नहीं है। उन्होंने कहा, “करंट नहीं है। बिजली नहीं है। अब इंसान हैं वो भी। गरीब जब रात को उठेगा। मियाँ-बीवी हैं। दोनों जवान हैं। तो फिर रात को क्या करेंगे? वो बच्चे ही तो पैदा करेंगे।” अजमल ने ‘लल्लनटॉप’ से बात करते हुए ये सब कहा।

ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ बदरुद्दीन अजमल की ही सोच है। वो तो भला सांसद हैं। यूपीए काल में भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी ऐसा ही सोचते थे। अगस्त 2009 में खबर आई थी कि भारत के तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद मानते हैं कि देर रात तक टीवी देखना जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक अच्छा उपाय है। उन्होंने गाँवों में बिजली पहुँचाने के परिप्रेक्ष्य में ऐसा कहा था। उन्होंने कहा था, “जब बिजली ही नहीं है, फिर बच्चे पैदा करने के सिवा करने को और कुछ है ही क्या?”

उन्होंने कहा था कि जब गाँवों तक बिजली पहुँचेगी तो लोग देर रात तक टीवी देखेंगे और सो जाएँगे, जिसके बाद उनके पास बच्चे पैदा करने का मौका ही नहीं होगा। ये उस देश के मंत्री का बयान था, जिसके बारे में अनुमान लगाया गया है कि कुछ वर्षों बाद वहाँ चीन से ज्यादा जनसंख्या होगी, दुनिया में सबसे ज्यादा। 70 के दशक में संजय गाँधी जबरिया फैमिली प्लानिंग योजना लेकर आए थे। कई अविवाहित और गरीबों की तब पकड़-पकड़ के नसबंदी कर दी गई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्नी सेक्स से करे इनकार, तो क्या पति के पास तलाक ही विकल्प: वैवाहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, मैरिटल रेप को ‘अपराध’...

सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की माँग करने वालों से पूछा कि यदि पति को सेक्स ना मिले तो क्या उसके पास तलाक ही विकल्प है।

‘उन्हें पकड़ा जरूर, लेकिन मारा नहीं’: सरफराज-तालिब के ‘एनकाउंटर’ पर बोली रामगोपाल मिश्रा की विधवा, परिजन बोले- वे बिरयानी खाकर कुछ दिन में बाहर...

रामगोपाल मिश्रा के सभी परिजन आरोपितों के जिंदा पकड़े जाने से खुश नहीं है। उनका कहना है कि आरोपित कुछ दिन जेल काटेंगे, फिर बिरयानी खाकर छूट जाएँगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -