आपको अनुराग पोद्दार याद है? मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन पर पुलिस ने गोलीबारी की और लाठियाँ चटकाई थीं, जिसमें अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर वो तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें अनुराग पोद्दार की माँ अपने बेटे को गोद में लिटा कर बैठी हुई हैं और अनुराग के दिमाग का कुछ हिस्सा अलग पड़ा हुआ है। अक्टूबर 26, 2020 को हुए इस वीभत्स हत्याकांड के पीड़ित परिजनों को अब जाकर 10 लाख रुपए का मुआवजा मिला है।
इस हत्याकांड के ठीक 8 महीने (240 दिन) बाद अनुराग पोद्दार के पिता को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। पिछले शुक्रवार (जून 25, 2021) को राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद गृह विभाग ने इसकी स्वीकृति जारी की थी। मुंगेर के जिलाधिकारी ने इस राशि का भुगतान मृतक के पिता को किया। डीएम नवीन कुमार ने बताया कि बुधवार (जून 23, 2021) को अनुराग के पिता उनके दफ्तर आए थे।
वहाँ उनके बैंक अकाउंट में मुआवजे की राशि ट्रांसफर की गई और मुआवजा पत्र दिया गया। अनुराग पोद्दार के पिता अमरनाथ हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। डीएम ने उन्हें कारोबार के विस्तार के लिए प्राथमिकता के आधार पर ऋण दिलाने का भी वादा किया, लेकिन अमरनाथ ने कहा कि उन्हें लोन की ज़रूरत नहीं है। पटना हाईकोर्ट ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार से कहा था।
Finally!
— Alakh Alok Srivastava (@advocate_alakh) June 23, 2021
मेरी मुंगेर याचिका में पारित आदेश के पालन में बिहार सरकार ने #AnuragPoddar के पिता को आज 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि दे दी।
हाईकोर्ट की निगरानी में जाँच जारी है।
वकील के तौर पे मेरे लिए गर्व का क्षण🙏🏻
माँ दुर्गा मुझे राष्ट्र, धर्म व वंचितों की सेवा के और भी अवसर दें🙏🏻 pic.twitter.com/jtBwL6CTQ3
बिहार सरकार ने ‘स्पेशल लीव पेटिशन’ डाल कर पटना हाईकोर्ट के निर्णय को चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। वकील अलोक अलख श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में अनुराग पोद्दार के परिजनों की तरफ से पैरवी की। उन्होंने कहा कि CID इस मामले की जाँच कर रहा है और उसे भी जल्द ही रिपोर्ट सौंपनी है। इस पूरे प्रकरण में मुंगेर की तत्कालीन एसपी लिपि सिंह का नाम भी सामने आया था।
8 सदस्यों वाली SIT की जाँच पटना हाईकोर्ट की निगरानी में चल रही है। इस गोलीकांड के बाद अनुराग पोद्दार के पिता ने स्पष्ट कहा था कि पुलिस की चलाई गोली से उनके बेटे की हत्या हुई। मुंगेर में पूरब सराय सहित 3 थानों में आक्रोशित लोगों द्वारा आगजनी के बाद चुनाव आयोग ने डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को हटा दिया था। आरोप था कि विसर्जन में शामिल कई लड़कों को एसपी लिपि सिंह के सामने लाकर और उन्हें जम कर पीटा गया।