Friday, May 3, 2024
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साइबर ठगों ने देश के भूतपूर्व सबसे बड़े जज को लूटा, जानिए क्या है मामला

मेल में लिखा था कि रिटायर्ड जस्टिस सिंह के भतीजे को खून से सम्बंधित गंभीर बीमारी है और इलाज के लिए एक लाख रुपयों से अधिक की ज़रूरत है। राशि भेजने के लिए एक बैंक अकाउंट के विवरण भी भेजे गए, जिसे किसी सर्जन का बताया गया।

साइबर ठगों ने इस बार भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश को ही निशाना बनाया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आरएम लोढ़ा से एक लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। जालसाजों ने उनकी ईमेल आईडी हैक करने के बाद उनसे एक लाख रुपए ठग लिए। इस मामले में दिल्ली के मालवीय नगर थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की शुरुआती जाँच के बाद आगे की कार्रवाई के लिए इसे साइबर सेल को सौंप दिया जाएगा। पूर्व सीजेआइ फिलहाल अपने परिवार के साथ एस-ब्लॉक, पंचशील पार्क में रहते हैं।

दरअसल, हुआ यूँ की रिटायर्ड जस्टिस लोढ़ा की आधिकारिक मेल आईडी पर 19 अप्रैल को दोपहर करीब 1:40 बजे सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त उनके एक परिचित जस्टिस बीपी सिंह की आधिकारिक मेल आईडी से एक ई-मेल आया। इस मेल में लिखा था कि रिटायर्ड जस्टिस सिंह के भतीजे को खून से सम्बंधित गंभीर बीमारी है और इलाज के लिए एक लाख रुपयों से अधिक की ज़रूरत है। राशि भेजने के लिए एक बैंक अकाउंट के विवरण भी भेजे गए, जिसे किसी सर्जन का बताया गया।

इसके बाद स्थिति को गंभीर समझते हुए रिटायर्ड सीजेआइ लोढ़ा ने एक लाख रुपए तुरंत उस बैंक खाते पर भेज दिए। इसके बाद 30 मई को जब जस्टिस बीपी सिंह से उनकी बात हुई तो पता चला कि उन्होंने ऐसा कोई मेल भेजा ही नहीं था। इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ ठगी हुई है। दरअसल, बदमाशों ने जस्टिस बीपी सिंह की आईडी हैक कर ली थी और उससे पूर्व सीजेआइ को मेल भेजा गया, जिसपर विश्वास करते हुए उन्होंने बताई गई राशि जमा करा दी। पुलिस के अनुसार, जिस व्यक्ति के खाते में रुपए ट्रान्सफर किए गए थे, उसका नाम दिनेश माली है।

बता दें कि लगातार डिजिटल हो रहे भारत में साइबर ठगी से निपटने के लिए पर्याप्त निगरानी व्यवस्था न होने के कारण बड़े से बड़े पदों पर बैठे लोगों से लेकर आम जनों तक, सभी इसके चपेट में आ जाया करते हैं। थानों में अक्सर शिकायतें आती हैं कि लोगों से इंटरनेट द्वारा रुपए ठग लिए गए और पुलिस के पास इससे निपटने के लिए संसाधन और स्किल नहीं होते। एक व्यापक व्यवस्था के रूप में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक, सामान्य आपराधिक घटनाओं वाले हर थाने में साइबर पुलिस की मौजूदगी अब भारत की ज़रूरत बन गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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