दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 साल बाद सोमवार (8 नवंबर 2021) को उपहार सिनेमा अग्निकांड के सबूत मिटाने के आरोप में सुशील और गोपाल अंसल को सात साल की जेल की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने अंसल बंधुओं पर 2.25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली की अदालत ने इस मामले में कोर्ट के पूर्व कर्मियों दिनेश चंद शर्मा, पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इन तीनों पर 3-3 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जज ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ”मैंने रात-रातभर इस पर विचार किया और मुझे लगा कि उन्हें सजा मिलनी चाहिए।” वहीं, इस मामले से जुड़े अन्य दो आरोपितों हरस्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा की मृत्यु हो चुकी है।
दरअसल, उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) ने 24 साल पहले साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दोनों भाइयों को उम्रकैद की सजा देने की माँग की थी। मालूम हो कि 13 जून 1997 को बॉलीवुड फिल्म ‘बॉर्डर’ की रिलीज के दौरान दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमाघर में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी।
इस मामले में सुनील अंसल और गोपाल अंसल समेत अन्य दो दोषियों को पहले ही आईपीसी की धारा 409 (आपराधिक उल्लंघन), 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया था, लेकिन अब दोनों भाइयों पर 2.5-2.5 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
गौरतलब है कि जाँच में खुलासा किया गया था कि सिनेमा हॉल में अतिरिक्त सीटें लगाकर आने जाने का रास्ता संकरा कर दिया गया था। मामले की सुनवाई के दौरान अंसल बंधुओं द्वारा याचिकाकर्ताओं को धमकाने और कोर्ट स्टाफ से सांठगांठ कर कोर्ट की फाइलों से छेड़छाड़ की गई। फाइलों से पन्ने फाड़कर गायब कर दिए गए।
बता दें कि इस भयावह त्रासदी में कुल 28 परिवार के लोगों ने अपनों को गँवाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह केस सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने 15 नवंबर 1997 को कुल 16 लोगों को आरोपित बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें उपहार के मालिकों गोपाल अंसल और सुशील अंसल भी शामिल थे। कोर्ट में यह मामला उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दाखिल किया था।