Friday, October 18, 2024
Homeदेश-समाजराजस्थान के अलवर में प्रशासन ने बिना मौका दिए ढाह दिया घर: 90 साल...

राजस्थान के अलवर में प्रशासन ने बिना मौका दिए ढाह दिया घर: 90 साल की बुजुर्ग महिला 7 दिनों से दूसरी मंजिल पर फँसी

चने-बिस्किट बेचकर भरण-पोषण करने वाले 50 वर्षीय भागचंद की भी एक दुकान थी। इस दुकान की साइज 10x10 थी। दुकान के ऊपर पर रहने का एक छोटा-सा कमरा था। अब दोनों को ही ढहा दिया गया है

राजस्थान के अलवर (Alwar, Rajasthan) स्थित राजगढ़ में मंदिर गिराने के दौरान कई ऐसे घरों एवं दुकानों को भी ढहा दिया गया, जिससे लोगों के परिवार का पेट पलता था। अब उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। इसी बीच एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसमें एक घर के आधे हिस्से को तोड़ दिया गया और उसमें रहने वाले लोगों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं दिया गया। इस घर के दूसरे तले पर 90 साल की एक महिला पिछले 7 दिनों दिनों से फँसी हैं।

जिस घर के आधे हिस्से को तोड़ा गया है उसमें घर की सीढ़ियाँ भी टूट गई हैं। ऐसे में घर के दूसरे तले पर फँसी 90 साल की कस्तूरी देवी वहीं फँस कर रह गई हैं। उम्र के इस पड़ाव में उन्हें चलने-फिरने में भी दिक्कत हो रही है। पैरों में सूजन ने उनकी तकलीफ को और बढ़ा दी है। वह बिना सहारे के चल भी नहीं पातीं। ऐसे में वह घर से नीचे उतरने में असमर्थ हैं।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, कस्तूरी देवी दूसरी मंजिल पर बिछी एक चारपाई पर लेटी रहती हैं। वह अपनी बेबसी पर और प्रशासन की क्रूरता पर क्रोधपूर्ण लाचार महसूस कर रही हैं। उनकी बेटियों ने बताया कि घर तोड़ने आए प्रशासन के लोगों ने उन्हें घर से बाहर निकलने तक का मौका तक नहीं दिया और घर के अगले हिस्से को ढहा दिया।

वहीं, चने-बिस्किट बेचकर भरण-पोषण करने वाले 50 वर्षीय भागचंद की भी एक दुकान थी। इस दुकान की साइज 10×10 थी। दुकान के ऊपर पर रहने का एक छोटा-सा कमरा था। अब दोनों को ही ढहा दिया गया है। भागचंद का परिवार अब किराए के मकान में रहने को बाध्य है। वहीं, परिवार पालने के लिए ठेला लगाना पड़ रहा है।

वहीं, योगेश गवारिया नाम के एक शख्स ने बताया कि उनका भी मकान और दुकान को ढहा दिया गया है। दुकान का सामान भी बाहर निकालने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि उनके चार बच्चे हैं, जिनमें से एक विकलांग है। ऐसे में परिवार पालना मुश्किल हो रहा है।

जिन लोगों के मकान और दुकान टूटे हैं, उनका कहना है कि मंदिर टूटने पर सभी बोल रहे हैं, लेकिन जो लोग बेघर हो गए उनके लिए कोई नहीं बोल रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पत्नी सेक्स से करे इनकार, तो क्या पति के पास तलाक ही विकल्प: वैवाहिक बलात्कार पर सुप्रीम कोर्ट का सवाल, मैरिटल रेप को ‘अपराध’...

सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की माँग करने वालों से पूछा कि यदि पति को सेक्स ना मिले तो क्या उसके पास तलाक ही विकल्प है।

‘उन्हें पकड़ा जरूर, लेकिन मारा नहीं’: सरफराज-तालिब के ‘एनकाउंटर’ पर बोली रामगोपाल मिश्रा की विधवा, परिजन बोले- वे बिरयानी खाकर कुछ दिन में बाहर...

रामगोपाल मिश्रा के सभी परिजन आरोपितों के जिंदा पकड़े जाने से खुश नहीं है। उनका कहना है कि आरोपित कुछ दिन जेल काटेंगे, फिर बिरयानी खाकर छूट जाएँगे।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -