Sunday, May 5, 2024
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हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीर से राहुल गाँधी का ‘वैर’ जारी, रथ यात्रा की शुभकामना दी पर प्रभु जगन्नाथ से काट गए कन्नी

राहुल गाँधी ने शुभकामनाएँ तो दे दी, लेकिन उनके अंदर का हिंदू घृणा एक बार फिर झलक उठा। ट्वीट को देखेंगे तो आप पाएँगे कि इसमें किसी भी भगवान की तस्वीर या प्रतिकृति नहीं लगी है।

ओडिशा का पवित्र शहर पुरी भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा उत्सव मनाने के लिए तैयार है। पुरी जगन्नाथ यात्रा इस बार आज 1 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है। विधिवत अनुष्ठान के बाद गुरुवार (30 जून 2022) को ही भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलराम और बहन सुभद्रा के रथों को खींच कर मंदिर के सिंह द्वार के सामने रख दिया गया। भगवान जगन्नाथ का रथ खींच कर पुण्य कमाने की इच्छा रखने वाले लाखों भक्त पुरीधाम पहुँच चुके हैं। रथ यात्रा का समापन 12 जुलाई को होगा। वहीं इसे लेकर शुभकामना देते वक्त भी राहुल गाँधी हिन्दू-देवी देवताओं से एक बार फिर कन्नी काटते नजर आए।

खासतौर से बात करते हैं राहुल गाँधी की, तमाम लोगों की तरह कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी रथ यात्रा की बधाई दी है। हालाँकि, राहुल गाँधी की बधाई से भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्र गायब थीं। उन्होंने बधाई देते हुए लिखा, “सभी देशवासियों को महाप्रभु श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ। मैं कामना करता हूँ कि श्रद्धा और आस्था से भरी ये यात्रा आप सबके जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और बेहतर स्वास्थ्य लाए।”

राहुल गाँधी ने शुभकामनाएँ तो दे दी, लेकिन उनके अंदर का हिंदू घृणा एक बार फिर झलक उठा। ट्वीट को देखेंगे तो आप पाएँगे कि इसमें किसी भी भगवान की तस्वीर या प्रतिकृति नहीं लगी है। हालाँकि, मूर्ति पूजा के लिए उनकी नफरत काफी पहले से ही स्पष्ट है।

फोटो साभार: राहुल गाँधी ट्विटर

यह पहली बार नहीं है, न राहुल गाँधी ने अनजाने में ऐसा किया है। राहुल गाँधी जब भी हिंदू त्योहारों की शुभकामनाएँ देते हैं, तब उससे जुड़े हिंदू देवी-देवता की तस्वीर गायब कर देते हैं। ये आरोप सोशल मीडिया पर उन पर लगते रहते हैं। पिछले साल भी जगन्नाथ यात्रा की शुभकामनाएँ देते हुए उन्होंने भगवान की तस्वीर नहीं लगाई थी। 

फोटो साभार: राहुल गाँधी ट्विटर

इसके अलावा गणेश चतुर्थी पर भी उन्होंने लोगों को शुभकामनाएँ तो दी थीं, लेकिन भगवान गणेश की तस्वीर लगाने से परहेज किया। इसी तरह पिछले साल कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ देते हुए भी उन्होंने मोर पंख से काम चला लिया था। महाशिवरात्रि पर भी उन्होंने भगवान शिव की तस्वीर नहीं लगाई।

फोटो साभार: राहुल गाँधी ट्विटर
फोटो साभार: राहुल गाँधी ट्विटर

इतना ही नहीं, उन्होंने पिछले साल बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के लिए शुभकामना संदेश तो दिया, लेकिन फोटो किसान का लगा दिया। सरस्वती पूजा के बहाने के यहाँ भी राहुल गाँधी ने राजनीतिक खेल करने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया यूजर ने उन्हें पकड़ लिया। 

फोटो साभार: राहुल गाँधी ट्विटर

राहुल गाँधी यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने सरस्वती पूजा की शुभकामना देने के दो घंटे के भीतर ही सरस्वती पूजा को हिजाब से जोड़ते हुए ट्वीट किया, “छात्राओं की शिक्षा के बीच हिजाब को आने देना भारत के बेटियों का भविष्य बर्बाद करने जैसा है। माँ सरस्वती सबको ज्ञान देती है, किसी में भेदभाव नहीं करती।”

फोटो साभार: राहुल गाँधी ट्विटर

बता दें कि राहुल गाँधी का यह ट्वीट कर्नाटक के हिजाब विवाद के संदर्भ में था, जहाँ कुछ मुस्लिम छात्राएँ स्कूल यूनिफॉर्म पहनने के नियमों का पालन करने से इनकार कर रही थी। वह सेकुलर शैक्षणिक संस्थानों के अंदर हिजाब पहनने पर जोर दे रही थीं। जिसके बाद शैक्षणिक संस्थानों ने मौजूदा नियमों का पालन नहीं करने की वजह से उन्हें एंट्री देने से मना कर दिया था। हालाँकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी हिजाब पहनकर स्कूल-कॉलेज जाने पर रोक लगाते हुए कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। हालाँकि, राहुल गाँधी हिंदुओं को शुभकामनाएँ देने के लिए भी हिजाब विवाद को घसीटकर राजनीति करने की कोशिश की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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