Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'भारत जोड़ो यात्रा' छोड़ कर दिल्ली पहुँचे कॉन्ग्रेस के महासचिव, कमलनाथ-प्रियंका से भी मिलीं...

‘भारत जोड़ो यात्रा’ छोड़ कर दिल्ली पहुँचे कॉन्ग्रेस के महासचिव, कमलनाथ-प्रियंका से भी मिलीं सोनिया गाँधी: राजस्थान के बागी बोले- सड़कों पर बहा सकते हैं खून

मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा, "जो लोग उप-मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद कॉन्ग्रेस सरकार गिरने की साजिश की, ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री बनाने के मिशन के साथ दिल्ली से नेताओं को भेजा गया। अजय माकन पायलट को सीएम बनाने की बात कर रहे थे।"

राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में राजस्थान की राजनीतिक उठापटक ने खलल डाल दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट के बीच जारी घमासान के बीच कॉन्ग्रेस (Congress) हाईकमान सोनिया गाँधी (Sonia Gandhi) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दिल्ली बुलाया है। खबर है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने तक राजस्थान की वर्तमान स्थिति में कोई परिवर्तन के मूड में हाईकमान नहीं है।

राजस्थान के जारी सियासी घमासान के बीच राहुल गाँधी ने पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को दिल्ली को भेजा है। वहीं, प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) भी सोनिया गाँधी के आवास पर पहुँचकर उनसे मुलाकात की। इधर राज्य में हालात का जायजा लेकर लौटे केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने भी सोनिया गाँधी से मुलाकात की। वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी दिल्ली बुला लिया गया है।

इन वरिष्ठ नेताओं से मंथन के बाद कहा जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव होने तक राजस्थान में यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी। इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। तब तक हाईकमान अन्य विकल्पों पर भी विचार करेगा। इस पर चर्चा के लिए कई वरिष्ठ नेता दिल्ली पहुँच चुके हैं।

वहीं, राजस्थान की राजनीतिक हालात (Rajasthan Political Crisis) का जायजा लेकर लौटे खड़गे और माकन गहलोत गुट के बागी विधायकों से नाराज बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बागी विधायकों की गतिविधियों को अनुशासनहीनता बताया है। इसके बाद इन विधायकों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है।

दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नाम आगे बढ़ाने के बाद राज्य की कमान सचिन पायलट को सौंपने की तैयारी पार्टी हाईकमान कर रही थी। इसी बीच गहलोत गुट के विधायकों ने पायलट को मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया और विधानसभा अध्यक्ष को 92 विधायकों ने इस्तीफा भी सौंप दिया। गहलोत गुट के इन विधायकों का कहना है कि पायलट पूर्व में कॉन्ग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर चुके हैं। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री वे नहीं मान सकते।

माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद भी मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं। यदि विकल्प ना हो तो वे अपने किसी विश्वस्त को मुख्यमंत्री बनाना चाह रहे हैं। वे पायलट गुट के धुर विरोधी रहे हैं और पायलट को किसी भी कीमत पर राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाह रहे हैं। वहीं, राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने स्पष्ट किया था कि पार्टी में एक व्यक्ति, एक पद का फॉर्मूला लागू होगा।

उधर, केंद्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा बागी विधायकों की इस्तीफे की कार्रवाई को अनुशासनहीनता बताए जाने पर राज्य सरकार के कई मंत्री सामने आ गए हैं। खेल मंत्री अशोक चंदना ने कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं और वे देखेंगे कि पार्टी हाईकमान कब कार्रवाई करेगी। मैंने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और कई लोगों ने ऐसा खुशी-खुशी किया है। पत्र को सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है। 

मंत्री शांति धारीवाल ने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए जयपुर में कहा, “जो लोग उप-मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद कॉन्ग्रेस सरकार गिरने की साजिश की, ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री बनाने के मिशन के साथ दिल्ली से नेताओं को भेजा गया। अजय माकन पायलट को सीएम बनाने की बात कर रहे थे। अगर मुख्यमंत्री बनाना ही है तो उन 102 विधायकों में से बनाया जाए, जिन्होंने सरकार बचाने में साथ दिया था।”

उधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और बागी विधायकों के गुट की अगुवाई करने वाले मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि कॉन्ग्रेस सरकार को बचाने के लिए कार्यकर्ता सड़कों पर खून बहा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बचाने के लिए कॉन्ग्रेस का हर विधायक और कार्यकर्ता एकजुट है। बता दें कि बागी विधायकों ने शांति धारीवाल के आवास पर ही बैठक कर विरोध की राजनीति तय की थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -