अभिनेता अमित साध (Amit Sadh) चार बार सुसाइड की कोशिश कर चुके हैं। यह खुलासा उन्होंने लेखक चेतन भगत के पॉडकास्ट (Chetan Bhagat Podcast) में बातचीत के दौरान की। उन्होंने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद वे इतने टूट गए थे कि वे बॉलीवुड छोड़ना चाहते थे। डिप्रेशन की स्थिति से उबरने में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने भी उनकी मदद की थी। करीब 6 घंटे बात कर उनका माइंडसेट बदला था।
सुसाइडल थॉट पर बात करते हुए साध ने कहा कि उन्होंने चार बार इसकी कोशिश की थी। तब उनकी उम्र 16 से 18 के बीच थी। सुशांत सिंह राजपूत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके 2 साल से अधिक हो गए हैं। लेकिन यह बात मेरे लिए कभी पुरानी नहीं होगी। इससे मुझे ऐसा झटका लगा कि मैंने इंडस्ट्री (बॉलीवुड) छोड़ने का मन बना लिया। मैंने खुद को सीमित कर लिया था।
अमित साध ने कहा, “पहले मैं भी खुदकुशी की कोशिश कर चुका हूँ। इसलिए मुझे उस मानसिकता का अंदाजा है। मैं इस शख्स (सुशांत) की मानसिकता को बहुत अच्छी तरह से जानता था। जब कोई आत्महत्या करने की सोचता है तो उसकी जिंदगी में पूरी तरह से अँधेरा हो चुका होता है।” उन्होंने कहा कि जब ऐसा होता है तो इसमें समाज की गलती होती है। उन लोगों की गलती होती है जो आपके आसपास होते हैं।
साध ने बताया कि सुशांत की मौत से पहले उन्होंने उनसे मिलने की कोशिश की थी। मौत से करीब 3-4 महीने पहले उन्होंने सुशांत के एक करीबी से उनका नंबर माँगा था। उस शख्स ने बताया कि सुशांत ने खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है। उनका नंबर भी बदल गया और संपर्क नहीं हो सका। साध ने बताया कि वे सुशांत के घर जाना चाहता था। लेकिन उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया गया। सुशांत से नहीं मिल पाने का उन्हें बेहद अफसोस है।
बता दें कि अमित साध और सुशांत सिंह राजपूत ने ‘काई पो चे’ फिल्म के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके अलावा अमित ने गोल्ड, बरोत हाउस, ऑपरेशन परिंदे जैसी फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने ब्रीद, जीत और जिद व अवरोध जैसे वेब सीरीज में भी काम किया है। सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे।
चेतन भगत ने जब साध से बॉलीवुड छोड़ने को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, “मैं चिढ़ गया था। बड़ी मुश्किल है ये इंडस्ट्री। मैं हताश भी था और कुछ कोरोना का भी असर था।” उन्होंने बताया कि इस डिप्रेशन से निकलने में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उनकी मदद की थी। साध के मुताबिक उन्हें नहीं पता कि स्मृति ईरानी को उनकी स्थिति के बारे में कैसे पता चला। लेकिन उन्होंने फोन कर उन्हें समझाया। करीब 6 घंटे बात की। साध के अनुसार आज भी ईरानी अक्सर फोन कर उनका हाल लेती रहती हैं।