Saturday, May 4, 2024
Homeदेश-समाजकलकत्ता हाईकोर्ट की फटकार के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से तलब...

कलकत्ता हाईकोर्ट की फटकार के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से तलब की रिपोर्ट: रामनवमी पर हुई थी हिंसा

राज्य में हिंसा को लेकर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में सोमवार 3 अप्रैल 2023 को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस हिंसा को लेकर राज्य सरकार को खूब फटकार लगाई। कोर्ट ने ममता की सरकार से 5 अप्रैल 2023 तक मामले की रिपोर्ट माँगी है। 

रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में हिंसा को लेकर राजनीति तो जारी है, लेकिन कोर्ट और गृह मंत्रालय सख्त रुख अपनाए हुए हैं। एक तरफ कोर्ट बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगा रही है तो दूसरी तरफ गृहमंत्रालय राज्य सरकार से हिंसा पर डिटेल रिपोर्ट माँग रही है।

पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में मजूमदार ने हिंसा के बारे में विस्तार से लिखा है। उन्होंने लिखा है कि रामनवमी पर किस तरह धार्मिक आयोजनों, रामभक्तों और हिंदुओं को निशाना बनाया गया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बात की थी।

गृह मंत्रालय ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से राज्य में हिंसा को लेकर रिपोर्ट माँगी है। अपने पत्र में सुकांत मजूमदार ने लिखा, “कल शाम को हुगली जिले में रेलवे स्टेशनों पर भारी पथराव हुआ, जिसके कारण ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। इस हिंसा को पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी यानी टीएमसी और उसके शीर्ष नेतृत्व के समर्थन के बिना जारी नहीं रखा जा सकता था।”

उन्होंने इसमें आगे लिखा, “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा वर्तमान DGP मनोज मालवीय के नेतृत्व में पुलिस की भूमिका को लेकर है, जो अपनी रीढ़ और निष्पक्षता पूरी तरह खो चुकी है। सामान्य लोगों, विशेष रूप से प्रभावित हिंदुओं के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के बजाय, यह अल्पसंख्यक समुदाय के वास्तविक अपराधियों और अपराधियों को लेकर आँख मूँद रही है।”

अपनी चिट्ठी में मजूमदार ने लिखा, “असली दोषियों को लेकर सीसीटीवी फुटेज और वीडियो पहले से ही प्रसारित हो रहे हैं। उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। हालाँकि, केवल मुख्यमंत्री को खुश किया जा रहा है, जो अल्पसंख्यक वोट बैंक के लिए अपराधियों और राष्ट्र-विरोधी ताकतों का खुलेआम तुष्टीकरण कर रही हैं।”

उन्होंने लिखा है कि भाजपा के विधायक और सांसदों को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाने से राज्य सरकार रोक रही है। उन्होंने कहा कि टीएमसी के नेता इन क्षेत्रों में खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें पाँच किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया।

बता दें कि राज्य में हिंसा को लेकर भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले में सोमवार 3 अप्रैल 2023 को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस हिंसा को लेकर राज्य सरकार को खूब फटकार लगाई। कोर्ट ने ममता की सरकार से 5 अप्रैल 2023 तक मामले की रिपोर्ट माँगी है। 

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

19 साल बाद संजय निरुपम ने की घर वापसी, शिवसेना में CM एकनाथ शिंदे ने किया स्वागत: ‘खिचड़ी चोर’ के विरोध में छोड़ दी...

संजय निरुपम फिर से शिवसेना में शामिल हो गए हैं। करीब 19 साल बाद घर वापसी करते हुए उन्होंने शिवसेना का दामन थाम लिया।

अमित शाह फर्जी वीडियो केस में अब अरुण रेड्डी गिरफ्तार, चलाता है ‘स्पिरिट ऑफ कॉन्ग्रेस’ नाम से हैंडल: कार्रवाई देख बिलबिलाया मोहम्मद जुबैर

दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्री अमित शाह का एडिटेड वीडियो शेयर करने के मामले में कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया टीम से जुड़े अरुण रेड्डी को तेलंगाना से गिरफ्तार किया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -