संसद भवन परिसर में एक कौवे ने फोन पर बात कर रहे AAP के सांसद राघव चड्ढा पर हमला कर दिया। घटना की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। दिल्ली भाजपा ने इसकी तस्वीरें शेयर करते हुए ‘झूठ बोले, कौवा काटे’ कहावत की याद दिलाई और कहा कि आज तक तो सिर्फ सुना था लेकिन अब देख भी लिया कि झूठे को कौवा काटता है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि राघव चड्ढा के एक हाथ में कुछ फाइल्स हैं तो दूसरे हाथ से वो फोन से किसी से बात कर रहे हैं।
झूठ बोले कौवा काटे 👇
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) July 26, 2023
आज तक सिर्फ सुना था, आज देख भी लिया कौवे ने झूठे को काटा ! pic.twitter.com/W5pPc3Ouab
इसी दौरान एक कौवा उन पर झपट्टा मारता है। ये तस्वीरें संसद के मॉनसून सत्र के दौरान की हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कौवा राघव चड्ढा के सिर को निशाना बना रहा है जबकि वो उससे बचने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, “माननीय सांसद जी पर कौवे द्वारा हमले की खबर से हृदय बहुत व्यथित हैं। आशा हैं आप स्वस्थ होंगे।”
माननीय सांसद @raghav_chadha जी पे कौवे द्वारा हमले की खबर से ह्रदय बहुत व्यथित हैं । आशा हैं आप स्वस्थ होंगे । pic.twitter.com/o3Iy4HABFs
— Tejinder Pall Singh Bagga (@TajinderBagga) July 26, 2023
कई अन्य ट्विटर यूजर्स ने भी इस पर तरह-तरह की टिप्पणियाँ दीं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रभाकर सिंह परिहार ने लिखा कि कौवा, कुत्ता या बिल्ली, इन ‘आपियों’ को कोई नहीं छोड़ेगा। वहीं विपुल सक्सेना नामक यूजर ने कौवे के लिए सहानुभूति जताते हुए लिखा कि उसे ही चोट आ गई होगी, क्योंकि AAP नेताओं की चमड़ी मोटी होती है। हिमांश नामक यूजर ने आशंका जताई कि कहीं अब विपक्षी दल कौवे के खिलाफ ही अविश्वास प्रस्ताव न लेकर आ जाएँ।
कौवा,कुत्ता,बिल्ली कोई नही छोड़ेगा आपियो को
— Prabhakar Singh Parihar (@IPrabhakarSP) July 26, 2023
😂🤣
बता दें कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सदन में बयान दिए जाने की माँग करते हुए समूचे विपक्ष ने संसद की कार्यवाही को बाधित कर रखा है। सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और फ्लोर टेस्ट की माँग भी स्पीकर से की गई है। लोकसभा में इसी बीच ‘फॉरेस्ट कंजर्वेशन एमेंडमेंट बिल’ भी पास हुआ, जो 1980 के इस एक्ट को संशोधित करेगा। इससे सीमा से 100 किलोमीटर भीतर के क्षेत्र को इस अधिनियम से छूट दी गई है।