Saturday, July 27, 2024
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कॉन्ग्रेसी अजीत अंजुम: जनता ने ही उतार दिया पत्रकार वाला चोंगा, अमेठी गए थे कॉन्ग्रेस के लिए स्नेह और स्मृति ईरानी पर सवाल लेकर

अजीत अंजुम का मानना है कि उम्मीदवार का नाम अनाउंस होने के बाद कार्यकर्ताओं को जो शॉक लगा था, उससे वे उबर गए हैं। उनका मानना है कि अब कॉन्ग्रेस के लिए प्रियंका गाँधी प्रचार कर रही हैं। ऐसे में भाजपा को किशोरी लाल शर्मा कड़ी मेहनत करते नजर आते हैं। इस बीच वे एक व्यक्ति को पकड़ते हैं, जो अपना घर बनवा रहा होता है। उससे बातचीत करते हैं तो वह भाजपा को वोट देने की बात करता है।

एक बड़े चैनल के संपादक से यूट्यूबर बने अंजीत अंजुम कॉन्ग्रेस के प्रति अपने झुकाव और भाजपा से दुराग्रह के लिए जाने जाते हैं। उनकी ऐसी छवि बनने के पीछे उनकी पत्रकारिता में दिखने वाला उनका स्टैंड ही है। यह बात पढ़े-लिखे और चीजों को समझने वाले बहुत पहले से जानते हैं, लेकिन अब आम लोग भी इस बात को समझने के लिए हैं कि उनका झुकाव कॉन्ग्रेस की ओर है।

अजीत अंजुम के पहले से ही ऐसे कई वायरल हैं, जिनमें उन्हें नैरेटिव गढ़ने के लिए झेंपना पड़ा है। हालाँकि, इससे उन पर खास फर्क नहीं पड़ता। लोग कितना भी उन्हें लताड़ें, लेकिन वे भाजपा के प्रति पूर्वाग्रह और कॉन्ग्रेस के प्रति समर्पित हैं कि इससे उन्हें कोई खास फर्क नहीं पड़ता। चेहरे पर पहले की भाँति बेशर्म और कुटिल मुस्कान उनकी हर वीडियो में दिखती रहती है। साथ में पत्रकार बने रहने का नाटक भी।

हाल ही उनका एक वीडियो सामने आया है। आया क्या है, उनके ही कथित रिपोर्टिंग की काटा हुआ क्लिप है। इस समय वे उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा क्षेत्र में ग्राउंड पर कॉन्ग्रेस के पक्ष में एकतरफा रिपोर्टिंग कर रहे हैं। यहाँ से भाजपा की ओर से स्मृति ईरानी उम्मीदवार हैं, जबकि कॉन्ग्रेस ने गाँधी परिवार के वफादार केके शर्मा को मैदान में उतारा है। यहाँ से कभी राहुल गाँधी भी दो-दो हाथ करते थे।

वीडियो में मोपेड पर बैठे एक बुजुर्ग से बात करते हुए अजीत अंजुम दिखाई देते हैं। बुजुर्ग के साथ एक महिला भी मोपेड पर पीछे बैठी हुई है। जब अंजीत अंजुम के साथ शख्स की बातचीत होती है तो वह भी बीच-बीच में कुछ-कुछ बोलती है। इस शख्स से अजीत अंजुम पूछते हैं, ‘इस बार कौन लड़ रहा है कॉन्ग्रेस से?” इस पर वह शख्स कहता है, “यहाँ तो ये पता नहीं कि कौन लड़ रहा है।”

इसके बाद यूट्यूबर अंजुम कहते हैं, “यहाँ से किशोरी लाल शर्मा हैं। राहुल गाँधी नहीं हैं। पता है कि नहीं?” इस पर वह व्यक्ति कहता है, “मुझे इतना अनुभव नहीं है। मुझे इतना पता है कि आप कॉन्ग्रेस से हो। ठीक है भाई।” इसके बाद अजीत अंजुम असहज हो जाते हैं। वे संकुचित भाव से कहते हैं, अरे भाई मैं तो पत्रकार हूँ। मैं किसी पार्टी से नहीं हूँ। मैं तो पूछने के लिए…।”

अजीत अंजुम का मानना है कि उम्मीदवार का नाम अनाउंस होने के बाद कार्यकर्ताओं को जो शॉक लगा था, उससे वे उबर गए हैं। उनका मानना है कि अब कॉन्ग्रेस के लिए प्रियंका गाँधी प्रचार कर रही हैं। ऐसे में भाजपा को किशोरी लाल शर्मा कड़ी मेहनत करते नजर आते हैं। इस बीच वे एक व्यक्ति को पकड़ते हैं, जो अपना घर बनवा रहा होता है। उससे बातचीत करते हैं तो वह भाजपा को वोट देने की बात करता है।

इस पर अंजुम पूछते हैं क्यों? तो वह कहता है कि जो राष्ट्रहित में बात करेगा, विकास की बात करेगा वही आगे जाएगा। तब तक अजीत अंजुम हमेशा की तरह थोड़ा असहज नजर आते हैं। वो उस शख्स से कहते हैं- ‘जैसे-जैसे… समझाओ।’ इसके बाद वह शख्स राम मंदिर बनने, धारा 370 हटने, आतंकवाद खत्म होने, गुंडागर्दी खत्म होने की बात करता है। अजीत अंजुम कहते हैं कि स्मृति ईरानी ने यहाँ क्या काम किया है।

इस पर वह शख्स किए गए कामों को गिनवाता है। अजीत अंजुम कॉन्ग्रेस के नैरेटिव को आगे करते हुए फिर पूछते हैं कि ‘इसके पहले राजीव गाँधी और राहुल गाँधी के समय में भी काम तो हुआ था ना?’ इस पर वह शख्स कहता है कि हाँ उन लोगों ने भी काम कराए थे। अजीत अंजुम महंगाई, बेरोजगारी आदि की बात करते हैं। हालाँकि, व्यक्ति तर्क देता है कि महंगाई के साथ-साथ मजदूरी और वेतन भी बढ़ा है।

मकान बनवाने वाला शख्स बगल में बने पानी टंकी की ओर इशारा करके कहता है कि इसे स्मृति ईरानी ने बनवाया है। उसने कई सारे नाम गिनवाए। इसी बीच अंजीत अंजुम वहाँ के एक मजदूर से बात करते हैं। वह कहता है कि पानी टंकी से पानी नहीं आता है। इसके बाद यूट्यूबर महोदय की शरीर में जहाँ कहीं भी बाँछें होंगी, वह खिल जाती है। वे जिराफ की तरह सिर उठाकर उस शख्स को देखने लगते हैं, जिसने पानी टंकी को स्मृति ईरानी का कार्यों में गिनवाया था।

उस शख्स को बुलाकर अजीत अंजुम पूछते हैं इसमें पानी तो आता नहीं है, लेकिन आप इसकी बड़ाई कर रहे थे। इस पर वह व्यक्ति तर्क देता है, लेकिन अजीत अंजुम उस पानी को पकड़ कर बैठे हुए तो जो दूर-दूर तक वहाँ मौजूद नहीं था। यानी उस योजना की अभी शुरुआत नहीं हुई थी। इसके बाद वे चेहरे पर मुस्कान लिए विजयी भाव से आगे की ओर बढ़ जाते हैं, स्मृति ईरानी की खामियाँ खोजने और कॉन्ग्रेस द्वारा कराए गए कार्यों की गिनती गिनाने।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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